Umesh Kolhe's murder news : अमरावती में 21 जून को केमिस्ट उमेश कोल्हे की गला रेतकर हत्या कर दी गई। इस सनसनीखेज हत्या मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) कर रही है। एनआईए की जांच में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। टाइम्स नाउ नवभारत को इस बारे में अहम जानकारी हाथ लगी है। उमेश कोल्हे ने अपनी हत्या से एक दिन पहले ब्लैक फ्रीडम ग्रुप में भाजपा की निलंबित नेता नुपूर शर्मा के समर्थन में एक पोस्ट शेयर की थी। इस पोस्ट को लेकर अगले दिन उनकी हत्या कर दी गई। ब्लैक फ्रीडम ग्रुप की चैट सामने आई है है। ग्रुप में उमेश कोल्हे का नाम अमित मेदी (मेडिकल) है। इस ग्रुप में युसूफ सर के नाम से कोल्हे का दोस्त यूसुफ खान भी है। इस ग्रुप में कोल्हे ने 'आई सपोर्ट नुपूर शर्मा' का पोस्टर पोस्ट किया था। इस ग्रुप में 60 लोग जुड़े हुए थे।
शोएब नाम के व्यक्ति ने कोल्हे को धमकी दी
सूत्रों के मुताबिक नुपूर का समर्थन करने पर शोएब नाम के व्यक्ति ने कोल्हे को धमकी दी थी। यह धमकी उनकी हत्या से 10 दिन पहले दी गई। 'रहबर ग्रुप' से जुड़े लोगों ने कोल्हे को धमकाया था। बता दें कि कोल्हे की हत्या का मुख्य आरोपी इरफान ही इस एनजीओ रहबर को चलाता है। खुलासा यह भी है कि युसूफ ने दो बार उमेश को मारने की कोशिश की। मास्टरमाइंड इरफान ने गला काटने की ट्रेनिंग ली। बाद में युसूफ ने उमेश की हत्या के लिए इरफान को उकसाया। यह बात भी पता चली है कि इरफान ने हत्या के लिए पैसे-गाड़ी का इंतजाम किया था।
एनआईए की हिरासत में हैं सातों आरोपी
हत्या मामले की जांच में जुटी एनआईए ने सभी सातों आरोपियों को अपनी हिरासत में ले लिया है। इन सातों को जांच एजेंसी ने सोमवार को अमरावती की अदालत में पेश किया जहां से इन्हें चार दिनों की ट्रांजिट रिमांड पर भेज दिया गया। बता दें कि अमरावती पुलिस पर कोल्हे की हत्या मामले को दबाने के आरोप लगे हैं। अमरावती की पुलिस कमिश्नर आरती सिंह पर भी सवाल उठे हैं। हालांकि, पुलिस कमिश्नर ने अपने बचाव में कहा कि केस की शुरुआती जांच में सोशल मीडिया एवं नुपूर शर्मा का एंगल सामने नहीं आया था। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी हत्या की असली तस्वीर सामने आई। पुलिस पहले इसे लूट का मामला बता रही थी।