दिल्‍ली चुनाव : AAP को उसी के हथियार से शिकस्‍त देने की तैयारी में बीजेपी

दिल्‍ली में बीजेपी केजरीवाल सरकार पर लोगों को नि:शुल्‍क सुविधाएं देकर 'मुफ्तखोरी' की आदत को बढ़ावा देने का आरोप लगाती रही है। अब बीजेपी आप को उसी के हथियार से शिकस्‍त देने में जुट गई है।

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बीजेपी ने अपने संकल्‍प पत्र में कई लोकलुभावन वादे किए हैं  |  तस्वीर साभार: PTI

नई दिल्‍ली : दिल्‍ली में बीजेपी के नेता व समर्थक आप सरकार पर आरोप लगाते रहे हैं कि नि:शुल्‍क बिजली, पानी की सुविधा के जरिये वह लोगों में 'मुफ्तखोरी' की आदत लगा रही है और 'सस्‍ती लोकप्रियता' के जरिये लोगों को लुभाने की कोशिश कर रही है। अब बीजेपी उसी हथियार का इस्‍तेमाल करते हुए दिल्‍ली में सत्‍तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) को विधानसभा चुनाव में शिकस्‍त देने की कोशिश में जुट गई है।

बीजेपी ने दिल्‍ली विधानसभा चुनाव के लिए अपना जो संकल्‍प पत्र जारी किया है उसमें ऐसी कई 'मुफ्त रेवड़ियों' का वादा किया गया है। इसमें गरीबों को 2 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से गेहूं के आटा से लेकर गरीब छात्राओं को नि:शुल्‍क इलेक्ट्रिक स्कूटी, साइकिल का वादा भी किया गया है। साथ ही आर्थिक रूप से कमजोर परिवार की पहली 2 लड़कियों को उनके 21 साल के होने पर 2 लाख रुपये की मदद का वादा भी किया गया है।

रोजगार के मसले पर विपक्ष के सवालों से घिरी बीजेपी ने अगले 5 वर्षों में कम से कम 10 लाख युवाओं को रोजगार देने का वादा भी किया है। बीजेपी के संकल्‍प पत्र में इन 'लोकलुभावन' वादों से साफ है कि आप को पटखनी देने के लिए उसने उसी तरह की घोषणाएं की हैं, जिसके दम पर आप सरकार इस चुनाव में एक बार फिर जीत की उम्‍मीद कर रही है और लोगों से अपने उम्‍मीदवारों के पक्ष में वोट मांग रही है। 

अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आप ने इससे पहले 2015 के विधानसभा चुनाव में बिजली के दाम आधा करने, नि:शुल्‍क बिजली और नि:शुल्‍क वाईफाई को लेकर वादे किए थे। उस चुनाव में आप की जीत के पीछे इसे एक बड़ा कारण माना गया। हालांकि इसके बाद 2017 के एमसीडी चुनाव और 2019 के आम चुनाव में इन 'लोकलुभावन' वादों का कोई खास फायदा आप को नहीं मिला और वह चारों खाने चित हो गई।

वहीं, पहले एमसीडी चुनाव और फिर आम चुनाव के नतीजों को लेकर बीजेपी उत्‍साहित है और दिल्‍ली में 2015 के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन की उम्‍मीद कर रही है। हालांकि केजरीवाल सरकार ने अपना कार्यकाल खत्‍म होते-होते जिस तरह महिलाओं के लिए बसों में यात्रा नि:शुल्‍क कर दी और मेट्रो में भी उनके नि:शुल्‍क सफर की वकालत भी की, माना जा रहा है कि उससे बीजेपी पर दबाव बढ़ता गया।

इसी दबाव का नतीजा रहा कि बीजेपी के संकल्‍प पत्र में उसी तरह के कई 'लोकलुभावन' वादों को जगह दी गई, जिसके दम पर आम चुनावी वैतरणी पार करने की उम्‍मीद लगाए हुए है। उधर, बीजेपी के संकल्‍प पत्र में इन वादों से आप में भी खलबली है। पार्टी ने यह कहकर दिल्‍ली की जनता को आगाह किया है कि अगर बीजेपी सत्‍ता में आई तो लोगों को वे सुविधाएं मिलनी बंद हो जाएंगी, जो आप ने शुरू की।

हालांकि बीजेपी के प्रदेश अध्‍यक्ष मनोज तिवारी ने कहा है कि वह मौजूदा किसी भी योजना से छेड़छाड़ नहीं करेगी और अगर वह सत्‍ता में आई तो भी उसे जारी रहने दिया जाएगा। लेकिन आप ने यह कहते हुए पलटवार किया है कि संकल्‍प पत्र में इसे लेकर कोई लिखित वादा नहीं किया गया है। बहरहाल, दिल्‍ली की जनता क्‍या चाहती है, उसे किस पर भरोसा है, इसका फैसला तो 8 फरवरी की वोटिंग से ही होगा, जिसके नतीजे 11 फरवरी को आएंगे।

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