दिल्‍ली चुनाव में छाया रहा शाहीन बाग, आखिर क्‍या सोचते हैं यहां के वोटर? 

दिल्‍ली विधानसभा चुनाव में शाहीन बाग का मुद्दा प्रमुखता से छाया रहा, जहां सीएए के खिलाफ पिछले करीब दो महीने से धरना जारी है। आखिर शाहीन बाग के वोट इस बारे में क्‍या सोचते हैं?

Delhi Assembly Election Shaheen Bagh voters Anti CAA protest
शाहीन बाग के शाहीन पब्लिक स्‍कूल में बने मतदान केंद्र पर अपनी बारी की प्रतीक्षा करते वोटर्स  |  तस्वीर साभार: ANI

नई दिल्‍ली : दिल्‍ली विधानसभा चुनाव में शाहीन बाग का मुद्दा प्रमुखता से छाया रहा, जिसे खास तौर पर बीजेपी के नेताओं की ओर से खूब तवज्‍जो दी गई। दक्षिण दिल्‍ली के इस इलाके में पिछले दो महीने लोग नागरिकता कानून में संशोधन के खिलाफ धरना पर बैठे हैं, जिसमें पाकिस्‍तान, अफगानिस्‍तान, बांग्‍लादेश से आए अल्‍पसंख्‍यकों- हिन्‍दू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई और पारसी समुदाय के लोगों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है।

नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए का विरोध करने वाले लोग इसे धार्मिक आधार पर लिया गया फैसला और संवधिान के मूल सिद्धांतों के खिलाफ बताते हैं। अब जबकि सीएए को लेकर देशभर में समर्थन और विरोध में जारी प्रदर्शनों के बीच दिल्‍ली में चुनाव हो रहे हैं तो दक्षिणी दिल्‍ली के इस इलाके के मतदाता क्‍या सोचते हैं? वोट डालने के लिए घर से बाहर निकली शाहीन बाग की एक मतदाता से जब पूछा गया कि आखिर वह किस मुद्दे पर वोट डाल रही हैं तो उन्‍होंने कहा, 'मैं भारत और इसके संविधान के लिए वोट कर रही हूं। हमलोग भारत के नागरिक हैं।'

यह मतदाता शाहीन बाग में बनाए गए उन 5 मतदान केंद्रों में से एक पर लगी लंबी कतार में अपनी बारी की प्रतीक्षा कर रही थीं, जिन्हें दिल्‍ली के मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी (CEO) ने 'संवेदनशील' घोषित किया है। यहां से 2015 में जीते निवर्तमान विधायक अमानतुल्‍ला एक बार फिर आप के टिकट पर मैदान में हैं, जबकि कांग्रेस ने यहां से परवेज हाशमी और बीजेपी ने ब्रह्म सिंह बिधुरी को मैदान में उतारा है।

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