Delhi: कोरोना से जंग हारे ACP के पति, वो हो गईं थीं ठीक, बोलीं- खुद को माफ नहीं कर पाऊंगी

Delhi Police ACP husband dies of Covid 19: दिल्ली पुलिस में ACP सुरेंद्र जीत कौर के पति चरण जीत सिंह का कोरोना वारयस से निधन हो गया है। वो कई दिनों से वेंटिलेटर पर थे।

Coronavirus
दोनों का बेटा कनाडा में रहता है 
मुख्य बातें
  • महिला ACP सुरेंद्र जीत कौर को भी कोरोना हुआ था, लेकिन वो ठीक हो गईं
  • उनके पति कोरोना से ठीक नहीं हो पाए और जिंदगी की जंग हार गए
  • ACP सुरेंद्र जीत कौर ने कहा- मेरे पति लॉकडाउन में बाहर नहीं निकले

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस में सहायक आयुक्त (ACP) सुरेंद्र जीत कौर के 54 साल के पति चरण सिंह का कोविड-19 से निधन हो गया। पति के निधन के एक दिन बाद मंगलवार को उन्होंने कहा, 'लॉकडाउन शुरू होने पर मेरे पति ने घर से बाहर कदम नहीं रखा, लेकिन मैं अपनी नौकरी के कारण रोज बाहर जाती थी। मैं खुद को कभी माफ नहीं कर पाऊंगी।' लाजपत नगर के निवासी सिंह व्यापारी थे। उनका 26 साल का बेटा है जो कनाडा में रहता है।

कौर दिल्ली पुलिस के दक्षिण-पूर्व जिले में एसीपी (महिलाओं के खिलाफ अपराध) के साथ जिले की एसीपी (कोविड सेल) भी हैं। कौर के कोरोना वायरस पॉजिटिव पाए जाने के 5 दिन बाद 20 मई को उनके पति सिंह भी पॉजिटिव निकले। इसके बाद 24 मई को एसीपी के 80 वर्षीय पिता भी कोरोना से संक्रमित पाए गए।

इन सभी में कोरोना के लक्षण थे। कौर और सिंह को इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जबकि उनके पिता को साकेत के मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 26 मई को वायरस से उबरने के बाद कौर घर लौट आई।

सिंह को वेंटिलेटर पर रखा गया

कौर ने 'द इंडियन एक्सप्रेस' को बताया, 'मैंने आखिरी बार 22 मई की रात अपने पति से बात की थी, जब हम दोनों अलग-अलग वार्डों में अस्पताल में भर्ती थे। डॉक्टर ने मुझसे कहा कि मेरे पति को वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखने की जरूरत है। मैंने अपने पति के साथ वीडियो कॉल किया। वो सांस नहीं ले पा रहे थे। उन्हें बोलने में परेशानी हो रही थी।' 

रिटायर होने के बाद बेटे  के पास जाना था

निधन के एक दिन बाद कौर ने उन संदेशों को याद किया जो सिंह ने उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखे जाने से ठीक पहले भेजे थे। कौर ने कहा, 'उन्होंने मुझे हमारे वित्त खातों का विवरण भेजना शुरू कर दिया था...मैंने उन्हें रोका और पूछा कि वह मुझे यह सब क्यों बता रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुझे पता होना चाहिए...शायद उन्हें डर था कि वह वापस नहीं आएंगे। मैंने उनके लिए मंदिरों, मस्जिदों, चर्चों और गुरुद्वारों में हर दिन प्रार्थना की। मैं तबाह हो गई हूं कि वो चले गए हैं। हमें अपने रिटायरमेंट के बाद 2023 में अपने बेटे के साथ रहने के लिए कनाडा जाना था। हमारी बहुत सारी योजनाएं थीं।'

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