कोरोना का गहराता संकट, रिकॉर्ड मौतों के बीच श्‍मशान, कब्रिस्‍तान में कम पड़ी जमीन

गहराते कोरोना संकट के बीच रिकॉर्ड संख्‍या में मौतें दर्ज की जा रही हैं। श्‍मशान घाट पर परिजनों के अंतिम संस्‍कार के लिए लोगों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है तो कब्रिस्‍तान में जमीन कम पड़ती जा रही है।

कोरोना का गहराता संकट, रिकॉर्ड मौतों के बीच श्‍मशान, कब्रिस्‍तान में कम पड़ी जमीन
कोरोना का गहराता संकट, रिकॉर्ड मौतों के बीच श्‍मशान, कब्रिस्‍तान में कम पड़ी जमीन  |  तस्वीर साभार: AP, File Image

नई दिल्‍ली : देशभर में कोरोना वायरस संक्रमण की बेकाबू रफ्तार के बीच रिकॉर्ड संख्‍या में मौतें दर्ज की जा रही हैं। राष्‍ट्रीय राजधानी दिल्‍ली में भी हालात बेकाबू होते जा रहे हैं। लोगों को अस्‍पतालों में बिस्‍तर की कमी से जूझना पड़ रहा है तो मौत के बाद उनकी अंत्येष्टि में भी दिक्‍कतें आ रही हैं। श्‍मनान घाटों पर चिताओं की आग ठंडी नहीं पड़ रही है तो कब्रिस्‍तान में दफनाने के लिए जमीन कम पड़ती जा रही है।

दिल्‍ली में बुधवार को 24 घंटों के भीतर दिल्ली में 17,282 नए केस दर्ज किए गए, जो अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। वहीं एक दिन में इस बीमारी से जान गंवाने वाले लोगों की संख्‍या 104 रही। यह राष्‍ट्रीय राजधानी दिल्‍ली में 20 नवंबर, 2020 के बाद एक दिन में मौतों का सबसे बड़ा आंकड़ा है। मौतों की बढ़ती संख्‍या के बीच परिजनों को मृतकों की अंत्‍येष्टि में भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

अंत्येष्टि के लिए घंटों इंतजार

दिल्ली के सबसे बड़े श्मशानघाट निगमबोध घाट पर इस महामारी से परिजनों को खो चुके लोगों को उनकी अंत्येष्टि के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। प्रत्‍यक्षदर्शियों के मुताबिक, यहां एक-एक एम्बुलेंस में दो-तीन शव लाए जा रहे हैं। कोरोना से अपने दादा को गंवा चुके 27 वर्षीय एक शख्‍स के मुताबिक, 5 घंटों के इंतजार के बाद भी अंत्येष्टि के लिए उनका नंबर नहीं आया।

कब्रिस्‍तान में भी कम पड़ी जमीन

यही हाल दिल्‍ली में आईटीओ के पास स्थित यहां के सबसे बड़े कब्रिस्‍तानों में शामिल जदीद कब्रिस्‍तान अहले इस्‍लाम का है, जहां जेसीबी मशीन का इस्‍तेमाल करते हुए लगातार कब्र खोदी जा रही है, ताकि शवों को दफनाया जा सके। लेकिन यह काम यहां भी शवों को दफनाने के लिए जमीन कम पड़ती जा रही है।

कब्रिस्तान के केयरटेकर मोहम्मद शमीम के अनुसार, यहां आम तौर पर एक दिन में एक या दो शव दफनाने के लिए आते रहे हैं। लेकिन अब रोजाना 15 से अधिक शव आ रहे हैं। बीते पांच दिनों में हालात बद से बदतर हुए हैं। यहां अब 150-200 शवों को ही दफनाने की जगह है और यही स्थिति रही तो आने वाले 10-15 दिनों में यहां शवों को दफनाने के लिए जमीन कम पड़ सकती है।

अस्‍पतालों में बिस्‍तर की समस्‍या

गहराते संकट के बीच लोगों को अस्‍पतालों में बिस्‍तर की कमी जैसी समस्‍याओं से भी जूझना पड़ रहा है। बहुत  से लोगों का कहना है कि अस्‍पतालों में भर्ती होने के लिए उन्‍हें लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। भयावह स्थिति की ओर संकेत करते हुए दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को लोगों को सलाह दी थी कि वे अस्पताल जाने से पहले सरकार के कोरोना एप पर अस्‍पतालों में बिस्‍तरों की उपलब्‍धता देख लें।

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