Delhi: खुद 10वीं 12वीं पास और लोगों को बांट रहे थे एमबीए-एमसीए की डिग्रियां, शानदार सेंटर की लाखों में कमाई

Delhi Crime: दिल्‍ली के सनलाइट कॉलोनी इलाके में एक ऐसे एजुकेशन सेंटर का पर्दाफाश हुआ है। जहां से देश की सभी यूनिवर्सिटी की फर्जी डिग्री बांटी जाती थी। इसके बदले लोगों से 10 से 20 हजार रुपये लिए जाते थे। पुलिस ने इस फर्जी सेंटर को चलाने वाले दो मास्‍टरमाइंड और यहां काम करने वाली चार युवतियों को गिरफ्तार किया है।

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फर्जी डिग्री बांटने वाले एजुकेशन सेंटर का खुलासा   |  तस्वीर साभार: Representative Image
मुख्य बातें
  • डिग्री के बदले लोगों से लिए जाते थे 10 से 20 हजार रुपये
  • गिरोह के सदस्‍य एक वेबसाइट के माध्‍यम से जुटाते थे जानकारी
  • पुलिस ने फर्जीवाड़े का पर्दाफाश कर छह आरोपियों को दबोचा

Delhi Crime: पुलिस ने साउथ-ईस्ट दिल्‍ली में स्थित सनलाइट कॉलोनी इलाके में एक बड़े फर्जीवाड़ा का खुलासा करते हुए एक फर्जी एजुकेशन सेंटर को पकड़ा है। जांच के दौरान इस एजुकेशन सेंटर के बारे में कई हैरान करने वाली जानकारियां मिली हैं। किलोकरी गांव में चल रहे इस सेंटर में देश की कई यूनिवर्सिटी की डिग्री और मार्कशीट मांग के अनुसार तैयार की जाती थी। यहां पर एमबीए, एमसीए और बीबीए की फर्जी डिग्री 10 से 20 हजार रुपये में मिल जाती थी। पुलिस ने इस फर्जीवाड़े का संचालन करने वाले दो मास्टरमाइंड और चार महिलाओं को गिरफ्तार किया है। एक हैरानी वाली बात यह भी है कि इन भारी भरकम डिग्री को बांटने वाले ये जालसाज खुद 10वीं और 12वीं पास हैं।

इस गिरोह के बारे में जानकारी देते हुए डीसीपी ईशा पांडे ने बताया कि, इस गिरोह का मास्‍टरमांइड तैमूर नगर का रहने वाला रेहान और उत्तम नगर का कैफ हैं। वहीं गाजियाबाद की, जैतपुर की, सरोजिनी नगर की और सफदरजंग एंक्लेव की रहने वाली 4 युवती यहां पर काम करती थी। इन सभी की उम्र 22 से 27 साल के बीच है।

गिरोह सैकड़ों लोगों का बना चुका फर्जी डिग्री

दिल्‍ली पुलिस के अनुसार, आरोपियों से पूछताछ के दौरान पता लगा है कि, ये लोग एक वेबसाइट के माध्‍यम से डिग्री हासिल करने के इच्छुक उम्मीदवारों का डेटा प्राप्त करते थे। इसके बाद उनसे 10 से 20 हजार रुपये लेकर बगैर किसी परीक्षा में शामिल हुए पिछली तारीखों की डिग्री दे देते थे। यह गिरोह पैसे लेकर देश के किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय के नाम से फर्जी डिग्री बनाकर बेच देते था। गिरोह ने अब तक सैकड़ों लोगों को डिग्री बनाकर बेंची है। जांच के दौरान फर्जी सेंटर से छह मोबाइल फोन, एक लैपटॉप, फर्जी मार्कशीट बनाने में इस्तेमाल होने वाली सील, एक प्रिंटर, बैक डेटेड कई फर्जी डिग्री और मार्कशीट्स जब्त की गई हैं। पुलिस ने बताया कि, यह फर्जीवाड़ा एक इंस्टिट्यूट के नाम पर किया जा रहा था। पुलिस आरोपियों से पूछताछ करने में जुटी है।

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