Delhi Kidney Racket: दलालों के चंगुल से भागे डोनर का खुलासा, 10वीं पास करता था ऑपरेशन

Delhi Kidney Racket: दिल्‍ली में किडनी रैकेट मामले में लगातार सनसनीखेज खुलासे हो रहे हैं। इस रैकेड का मास्टरमाइंड 10वीं पास और अस्‍पताल में लैब टैक्‍नीशन का काम करने वाला कुलदीप है। आरोपी खुद ही किडनी निकालने और लगाने का काम करता था। 3 से 5 लाख रुपये में किडनी खरीदकर उसे 50 से 70 लाख रुपये में बेचा जाता था।

Delhi Kidney Racket
दिल्‍ली किडनी रैकेट का ऐसे हुआ खुलासा   |  तस्वीर साभार: ANI
मुख्य बातें
  • गैंग का लीडर कुलदीप 10वीं पास होने के बाद भी करता था ऑपरेशन
  • जरूरतमंद रिसीवर को बेची जाती थी 50 से 70 लाख में किडनी
  • रिसीवर लाने वाले एजेंड को मिलते थे पांच लाख रुपए, डोनर लाने पर पचास हजार रुपए

Delhi Kidney Racket: दिल्ली से ऑपरेट हो रहे किडनी रैकेट का भंडाफोड़ होने के बाद से हड़कंप मचा हुआ है। इस मामले में प्रतिदिन सनसनीखेज खुलासे हो रहे हैं। पुलिस की कई टीमें अभी भी इस मामले की जांच में लगी हुई हैं। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, अभी तक गिरफ्तार किए गए आरोपियों के अलावा भी कुछ ऐसे आरोपी हैं, जिनकी गिरफ्तारी बाकि है। जांच पूरी होने के बाद इन आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।  

बता दें कि इस मामले का खुलासा एक डोनर के आरोपियों के चंगुल से छूटकर हौज खास पुलिस स्‍टेशन पहुंचने से हुआ। दुबई में शेफ की जॉब करने वाला पीड़ित दो किडनी दलालों के चंगुल के बचकर हौज खास थाने पहुंचा और पुलिस को मामले की जानकारी दी। ये दलाल उसे एक लैब में लेकर गए थे, लेकिन वो भाग निकला। सूचना पर पुलिस ने तत्‍काल कार्रवाई करते हुए लैब से एक दलाल विपिन का दबोच लिया। वहीं दूसरा दलाल सर्वजीत भागने में सफल रहा। बाद में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए गैंग लीडर कुलदीप राय विश्वकर्मा उर्फ केडी और दिल्ली के एक बड़े प्राइवेट हॉस्पिटल के डॉक्टर सौरभ मित्तल सहित 10 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।

डोनर लाने पर 50 हजार और रिसीवर लाने पर पांच लाख का कमीशन

पुलिस पूछताछ में मास्‍टर माइंड कुलदीप ने बताया कि यह गिरोह एक नेटवर्किंग चेन की तरह का काम कर रहा था। जो भी व्‍यक्ति एक बार किडनी बेचता या खरीदता था, वह भी इसके एजेंट के रूप में कार्य करने लगता था। एजेंट को एक डोनर लाने पर 50 हजार रुपए और एक रिसीवर लाने पर पांच लाख रुपये कमीशन दिया जाता था। आरोपी कुलदीप अस्‍पताल में एक टेक्नीशियन का काम करता था, जहां उसने 10वीं पास होने के बाद भी ऑपरेशन करना सीख लिया था। वह लोगों की किडनी निकालने और लगाने का काम खुद ही करता था। 

50 लाख से 70 लाख रुपए तक में बेचते थे किडनी

पूछताछ में यह भी खुलासा हुआ कि किडनी बेचने वाले को 3 से 5 लाख रुपये ही दिए जाते थे। वहीं किडनी खरीदने वालों को यह 50 लाख रुपये से लेकर 70 लाख रुपये तक में बेची जाती थी। किडनी की कीमत रिसीवर की हैसियत और जरूरत के हिसाब से तय की जाती थी। आरोपी कुलदीप ने पुलिस को बताया कि उसने अब तक जितने भी ऑपरेशन किए सारे सफल रहे। पुलिस को उसके ऑपरेशन किए हुए ऐसे 14 केस भी मिले हैं। बाकि के केसों की भी जांच चल रही है।

Delhi News in Hindi (दिल्ली न्यूज़), Times now के हिंदी न्यूज़ वेबसाइट -Times Now Navbharat पर। साथ ही और भी Hindi News (हिंदी समाचार) के अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें।

अगली खबर