Delhi Metro News: दिल्ली मेट्रो यात्रियों की सुविधा के लिए अब नई तकनीक का इस्तेमाल करेगी। जिससे बिना ड्राइवर के मेट्रो चल सकेगी और यात्री सुरक्षित यात्रा भी कर सकेंगे। दिल्ली मेट्रो आईएटीएस (स्वदेशी स्वचालित ट्रेन पर्यवेक्षण प्रणाली) और सीबीटीसी (कम्युनिकेशन बेस्ड ट्रेन कंट्रोल) स्वदेसी तकनीक का इस्तेमाल करेगी। इस तकनीक का इस्तेमाल डीएमआरसी (दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन) यात्रियों की संख्या में हो रही बढ़ोतरी को देखते हुए कर रही है। आईएटीएस और सीबीटीसी स्वदेशी तकनीक हैं जिन्हें ज्यादा सुरक्षित और त्वरित माना जाता है।
आईएटीएस और सीबीटीसी के अलावा नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (एनसीएमसी) को भी लागू किया जाएगा। मेट्रो को स्वचालित करने के लिए संचार माध्यमों के जरिए परिचालन प्रणालियों को एकीकृत किया जा रहा है। इस बात की जानकारी डीएमआरसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी है।
अधिकारी के अनुसार, दिल्ली मेट्रो की रेड लाइन पर देश में विकसित सिग्नलिंग तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है। वहीं आईएटीएस का विकास डीएमआरसी और बीईएल (भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड) की टीम ने साथ मिलकर किया है। ऐसे में इस तकनीक की वजह से सिग्नलिंग के मामले में डीएमआरसी पहले से ज्यादा आत्मनिर्भर बन जाएगा। गौरतलब है कि, आईएटीएस एक कंप्यूटराइज तकनीक प्रणाली है। इसका इस्तेमाल कर मेट्रो परिचालन को स्वचालित किया जा रहा है। इस तकनीक से मेट्रो परिचालन आसान और चंद मिनटों का हो जाता है।
आईएटीएस तकनीक से मजेंटा और पिंक लाइन पर ड्राइवर के बिना मेट्रो का परिचालन शुरू किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर मेट्रो फेज-4 की तीनों कॉरिडोर पर आईएटीएस तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। बताया जा रहा है कि, फेज-4 कॉरिडोर बन जाने के बाद मेट्रो नेटवर्क का विस्तार बढ़ जाएगा। ऐसे में यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी होगी। इसलिए डीएमआरसी मेट्रो की फ्रीक्वेंसी बढ़ाएगी साथ बिना ड्राइवर के मेट्रो चलेगी। मेट्रो की संख्या में बढ़ोतरी होने के बाद सभी रूट पर फ्रीक्वेंसी बढ़ाई जाएगी, जिसके बाद मेट्रो सिर्फ 90 सेकेंड के अंदर मिल जाया करेगी।
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