Delhi News: दिल्ली मेट्रो की फेज चार परियोजना के विस्तार में आ रही सबसे बड़ी रूकावट दूर हो गई है। वन विभाग ने इस परियोजना के बीच आ रहे 1,230 पेड़ों को काटने की मंजूरी दे दी है। इससे अब एक बार फिर से रूकी हुई इस परियोजना को गति मिलेगी। अब इस परियोजना के समय पर पूरा होने की उम्मीद की जा रही है।
बता दें कि, दिल्ली मेट्रो की फेज चार परियोजना के विस्तार में सबसे बड़ी बाधा ये पेड़ थे। काफी लंबे समय से इन्हें काटने की अनुमति नहीं मिल पा रही थी, जिस वजह से इस परियोजना पर चल रहा कार्य भी धीमा पड़ गया था। केंद्र सरकार की तरफ से पेड़ों को काटने की अनुमति करीब दो माह पहले ही मिल गई थी, लेकिन वन विभाग में देरी हो रही थी।
1 पेड़ को काटने के बदले लगाने होगें 10 पेड़
वन विभाग नार्थ डिवीजन के उप वन संरक्षक विपुल पांडेय ने इस देरी की वजह बताते हुए कहा कि, यदि पेड़ काटना है तो, पहले उसके कारणों की ठीक तरह से जांच की जाती है और यह अनुमान लगाया जाता है कि, पेड़ को काटना ठीक रहेगा या नहीं। इस कार्य में विभाग को समय लगता है। इसके बाद हर एक पेड़ को काटने के बदले 10 पेड़ लगाने की जगह को सुनिश्चित किया जाता है। जगह मिलने के बाद ही मंजूरी दी जाती है। वन अधिकारी के अनुसार, विभाग के इन सभी नियमों का उल्लेख प्रस्ताव में किया जाता है, जिसे पूरा करने बाद ही मंजूरी मिलती है। पेड़ों को प्रत्यारोपित करने में लगने वाला वक्त पेड़ की जड़, ऊंचाई, चौड़ाई और आयु पर निर्भर करता है। इसके लिए एजेंसियों को निर्धारित किया जाता है।
इससे पहले मिली थी 2,940 पेड़ों की कटाई को मंजूरी
बता दें कि, वन विभाग की तरफ से इससे पहले जनकपुरी पश्चिम और मुकरबा चौक के बीच विभिन्न हिस्सों में 2,940 पेड़ों की कटाई को मंजूरी दी थी। जनकपुरी पश्चिम से आरके आश्रम मार्ग के बीच 26 किलोमीटर से अधिक मेट्रो लाइन के लिए मार्ग प्रशस्त करने की अनुमति दी गई, जिसमें 22 स्टेशन शामिल हैं। इसके लिए आईटीओ पुल से एनएच-24 के बीच यमुना बाढ़ के मैदानों में 30,000 पेड़ लगाने के लिए जगह की पहचान की गई।
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