नई दिल्ली : पैसे कमाने की लालसा मिलावट खोरों में इतनी है कि वे लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ करने से भी नहीं हिचकते। आए दिन खाने-पीने की चीजों में मिलावट की खबरें आती हैं और पुलिस इनका भंडोफोड़ भी करती है लेकिन मिलावट खोर अपने अपराध का दायरा बढ़ाते जा रहे हैं। मिलावटखोरों के निशाने पर अब जीरा आ गया है। बवाना पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जो नकली जीरा के कारोबार में संलिप्त था।
हैरान करने वाली बात है कि मिलावट खोर नकली जीरा बनाने में जंगली घास, गुड़ का शीरा और स्टोन पाउडर का इस्तेमाल करते थे। मिलावटखोरों के तार दिल्ली से से लेकर यूपी, गुजरात, राजस्थान और अन्य शहरों तक फैले हैं। बाहरी उत्तरी दिल्ली के डीसीपी गौरव शर्मा ने बताया कि पुलिस ने बवाना में नकली जीरा बनाने की एक फैक्टरी का भंडाफोड़ किया है।
उन्होंने कहा, 'जीरे में मिलावट नहीं बल्कि यह पूरी तरह से नकली था। मिलावट खोर जंगली घास, पत्थर पाउडर और शीरा के इस्तेमाल से नकली जीरा बनाते थे। इस गिरोह का मास्टरमाइंड अभी फरार है।' पुलिस ने इनेक पास से भारी मात्रा में नकली जीरा और इसे बनाने में इस्तेमाल होने वाली सामग्रियां बरामद की हैं।
इस गिरोह में शामिल आरोपियों की पहचान हरीन नंदन, कामरान, गंगा प्रसाद, हरीश और पवन के रूप में हुई है। ये सभी उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले के जलालाबाद के रहने वाले हैं। पुलिस अधिकारी ने बताया कि मुखबिर से बवाना में नकली जीरा बनाने वाले गिरोह के सक्रिय होने की सूचना मिली थी। इसके बाद पुलिस ने इस स्थान पर छापा मारा। पुलिस ने मौके से पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
पुलिस अधिकारी ने आगे बताया कि नकली जीरे में केवल मिलावट नहीं बल्कि इसे पूरी तरह से नकली चीजों से तैयार किया जा रहा था। आरोपी नकली जीरा बनाने में जंगली घास, पत्थर पाउडर और गुड़ के शीरे का इस्तेमाल करते थे और नकली जीरा बनाने में इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल की खरीदारी वे राजस्थान से करते थे। इस नकली जीरे को उत्तर प्रदेश और राजस्थान के बाजारों में बेचा जाता था। अधिकारी ने बताया कि मामले की जांच जारी है और पुलिस इस गिरोह के सरगना की तलाश में है।
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