Delhi Electricity: राजधानी दिल्ली में लगातार बढ़ती बिजली की डिमांड के कारण गर्मी के समय में बिजली किल्लत की स्थिति पैदा हो जाती है। जिसकी वजह से लोगों को अघोषित कट का सामना करना पड़ता है। इस बार मांग बढ़कर रिकॉर्ड आठ हजार मेगावाट प्रतिदिन तक पहुंच गई है। आने वाले कुछ वर्षों में इसके दस हजार मेगावाट पहुंचने की उम्मीद जताई गई है।
इस स्थिति से निपटने के लिए दिल्ली सरकार और बिजली वितरण कंपनियां (डिस्कॉम) बिजली वितरण नेटवर्क को मजबूत करने में जुट गई हैं। दिल्ली ट्रांसको लिमिटेड (डीटीएल) और डिस्कॉम अपने बिजली वितरण नेटवर्क को मजबूत करने के लिए नई योजना पर कार्य कर रही हैं। जिसके तहत डीटीएल अपने 400 और 220 किलोवाट के कई पुराने ग्रिड में 66 केवी क्षमता के अतिरिक्त सब-स्टेशन लगा रहा है। यह कार्य इसी माह शुरू हो जाएगा।
डीटीएल के जनसंपर्क अधिकारी ऋषिराज भाटी ने बताया कि तीन ग्रिड स्टेशनों की क्षमता बढ़ाने का फैसला किया गया है। इसमें द्वारका सेक्टर-पांच स्थित चार सौ केवी/ 220 केवी/ 66 केवी ग्रिड, बदरपुर थर्मल पावर स्टेशन (बीटीपीएस) 220 केवी ग्रिड और बीटीपीएस दिल्ली और हर्ष विहार स्थित चार सौ/ 220 केवी 66 केवी ग्रिड में अतिरिक्त 66 केवी सब स्टेशन बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। बीटीपीएस ग्रिड की क्षमता बढ़ने से दक्षिणी दिल्ली, द्वारका सेक्टर-पांच से पश्चिमी दिल्ली और हर्ष विहार से पूर्वी दिल्ली के लाखों उपभोक्ताओं को फायदा मिलेगा। अब इन क्षेत्रों के लोगों की लोड बढ़ने से होने वाली बिजली कटौती की समस्या दूर होगी। साथ ही अन्य सब स्टेशनों का भार भी कम होगा। अधिकारियों ने बताया कि इस कार्य के लिए निविदा जारी कर दी गई है। इनके आवेदन की समीक्षा करने के बाद काम आवंटित कर दिया जाएगा। एक साल में तीनों ग्रिड का काम पूरा कर लिया जाएगा। इन क्षेत्रों के लोगों को अगले साल गर्मी के सीजन में निर्बाध बिजली आपूर्ति मिल सकेगी।
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