नई दिल्ली : दिल्ली विश्वविद्यालय के स्नातक एवं स्नातकोत्तर के अंतिम वर्ष की ऑनलाइन ओपन बुक परीक्षा (ओबीई) 10 अगस्त से शुरू होने वाली है लेकिन कई विद्यार्थी इंटरनेट और बिजली की समस्या की शिकायत कर रहे हैं। बिहार के मुजफ्फरपुर के रहनेवाले छात्र रौशन कुमार ने फोन पर बातचीत में बताया, ‘‘ यहां बाढ़ की वजह से स्थिति बहुत खराब है। बिजली नहीं है। मैं ऐसे में कैसे परीक्षा दे पाऊंगा।’’
दिल्ली विश्वविद्यालय के सत्यवती कॉलेज के छात्र रौशन ने कहा, ‘‘ मैं दो-ढाई दिन से अपने फोन की बैट्री तक चार्ज नहीं कर पाया हूं क्योंकि बिजली नहीं है। जिनके पास इंटरनेट है भी, वह भी कह रहे हैं कि उन्हें परीक्षा देने में समस्या आएगी।’’ कुमार ने दावा किया कि कई विद्यार्थी ऑनलाइन क्लास करने में भी सक्षम नहीं हो पाए थे।
कई विद्यार्थियों का कहना है कि उनके पास उनके पाठ्यक्रम की किताबें भी नहीं हैं। उनका कहना है कि अंतिम सेमेस्टर की परीक्षा उत्तरपश्चिमी दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा, दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संगठन (डूटा) के विरोध प्रदर्शन और कोरोना वायरस महामारी की वजह से प्रभावित है। एक अन्य छात्र ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया, ‘‘ विश्वविद्यालय यह कह रहे हैं कि वे विद्यार्थियों को ऑफलाइन मोड से परीक्षा में हिस्सा लेने के लिए दूसरा मौका देंगे। लेकिन यह अब भी स्पष्ट नहीं है कि परीक्षा कब आयोजित होगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ अंतिम साल के विद्यार्थियों को स्नातकोत्तर में दाखिले के लिए अन्य विश्वविद्यालयों में भी आवेदन करना होता है। अगर हम ऑनलाइन परीक्षा में हिस्सा नहीं लेंगे और ऑफलाइन का इंतजार करेंगे तो हम ऐसा कैसे कर पाएंगे? हमारा पूरा साल बर्बाद जाएगा।’’ एक अन्य विद्यार्थी ने बताया कि वह मार्च के मध्य में सेमेस्टर की छुट्टी में घर गए थे लेकिन इसके बाद लॉकडाउन की घोषणा हो गई, वह अपने साथ किताब भी लेकर नहीं आए थे इसलिए पाठ्य सामग्री भी उनके पास नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘ मैं उत्तर प्रदेश के अपने गृहनगर में फंस गया। मैं अपने साथ यहां कोई किताब भी लेकर नहीं आया था। एक बड़ा विश्वविद्यालय होने के बाद भी पाठ्य सामग्री ऑनलाइन करने की कोई कोशिश नहीं की गई। ऑनलाइन क्लास के बारे में कई तरह के दावे किये जा रहे हैं लेकिन विद्यार्थी इसका लाभ उठाने में असमर्थ हैं।’’
विश्वविद्यालय ने ऑनलाइन परीक्षा के लिए मॉक परीक्षा भी आयोजित की लेकिन इसमें भी विद्यार्थियों ने सर्वर के क्रैश करने और प्रश्नपत्र अपलोड नहीं होने संबंधी शिकायतें की। कइयों ने ट्विटर पर डीयू अगेंस्ट ऑनलाइन एग्जाम के हैशटैग से पोस्ट भी लिखे। एक प्रोफेसर ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया कि एक विभाग के 46 विद्यार्थियों में से 23 ने मॉक परीक्षा के दौरान हो रही परेशानियों के बारे में बताया।
वहीं एक अन्य कॉलेज के 52 विद्यार्थियों में से 38 ऑनलाइन क्लास में हिस्सा नहीं ले पाए। इससे पहले ऑनलाइन परीक्षा एक जुलाई से शुरू होने वाली थी, फिर इसे बढ़ाकर 10 जुलाई कर दिया गया और बाद में अगस्त में किया गया।
मिरांडा हाउस की प्रोफेसर आभा देव हबीब ने कहा, ‘‘ विद्यार्थी परेशान हैं और उनकी परेशानियों को सुना नहीं जा रहा है। यहां तक कि अदालतों ने भी उनकी याचिकाओं पर सुनवाई नहीं की। विद्यार्थी वैसी ही समस्याओं का सामना कर रहे हैं जैसा कि प्रवासी श्रमिकों ने बंद के दौरान किया था।’’
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