Delhi News: राजधानी में वायु प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर कार्रवाई लगातार जारी है। सबसे ज्यादा सख्ती डीजल से चलने वाले वाहनों के साथ बरती जा रही है। अब दिल्ली-एनसीआर में डीजल से चलने वाले लाखों ऑटो पर कड़ी कार्रवाई होने जा रही है, ये सभी ऑटो जल्द ही पूरी तरह से बंद हो सकते हैं। सीएक्यूएम (वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग) ने राजधानी में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए भी व्यापक कार्य योजना बनाई है। यह कार्ययोजना दिल्ली के साथ ही आसपास के राज्यों में भी लागू होगी।
योजना के तहत दिल्ली-एनसीआर के अंदर डीजल से चलने वाले लाखों ऑटो को चरणबद्ध तरीके से बंद किया जाएगा। इन ऑटो को परिवहन से बाहर करने की प्रक्रिया अगले साल से शुरू हो जाएगी। इसके अलावा राजधानी की सड़कों और राजमार्गो पर सीएनजी और इलेक्ट्रानिक चार्जिंग का नेटवर्क विकसित किया जाएगा। यह फैसला हालही में हुई सीएक्यूएम की बैठक में लिया गया। इस बैठक में वैध प्रदूषण अंडर कंट्रोल प्रमाणपत्रों का 100 प्रतिशत अनुपालन, रिमोट-सेंसिंग उपकरणों के साथ ऑन-रोड वाहनों की निगरानी के लिए मानदंड तैयार करने पर भी चर्चा की गई।
दिल्ली समेत एनसीआर के अधिकांश हिस्सों में जल्द ही पर्याप्त परीक्षण सुविधाओं के लिए पूर्ण-स्वचालित और उच्च क्षमता वाले केंद्रीकृत परीक्षण केंद्र स्थापित करने का निर्देश दिया गया है। इसके लिए सभी संबंधित सरकारों को निर्देश दिए जाएंगे। सीएक्यूएम की इस नीति में दूर से ही वाहनों के प्रदूषण को मापने के लिए रिमोट-सेंसिंग सुविधाएं शुरू करने की योजना भी शामिल है। नीति में कहा गया है कि राज्य सरकारें पुराने वाहनों के लिए अपने स्तर पर राज्य-स्तरीय स्क्रैपेज नीतियों को लागू कर सकती हैं। इससे इन वाहनों के स्क्रैपिंग में मदद मिलगी।
सीएक्यूएम द्वारा तैयार की गई नीति में कहा गया है कि दिल्ली और एनसीआर में जल्द ही क्षेत्रीय स्क्रैप केंद्र स्थापित करने की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी। इस योजना के लिए एनसीआर योजना बोर्ड ने जमीन उपलब्ध कराने का भरोसा दिया है। इन स्क्रैप केंद्रों की मदद से ट्रकों जैसे भारी वाहनों को भी स्क्रैप करने में मदद मिलेगी।
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