Farmers’ Protest :गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे सांसदों को पुलिस ने रोका, कील-कांटे हटाए गए

Ghazipur border : किसान आंदोलन पर संसद से सड़क तक सरकार और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। किसान संगठन अपना आंदोलन खत्म करने के मूड में नहीं हैं।

Farmers’ Protest: Opposition leaders on way to meet farmers at Ghazipur border stopped
गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे विपक्षी सांसदों को पुलिस ने रोका।  |  तस्वीर साभार: ANI

नई दिल्ली : पॉप गायिका रिहाना और पर्यावरणविद ग्रेटा थनबर्ग की ओर से समर्थन जताए जाने के बाद किसान आंदोलन पर देश में बहस एक बार फिर तेज हो गई है। इन अंतरराष्ट्रीय हस्तियों के जवाब में बॉलीवुड और क्रिकेट की जानी-मानी हस्तियों ने बुधवार को ट्वीट किए। रेहाना और थनबर्ग के समर्थन के बाद विपक्ष सरकार पर हमलावर है। विपक्ष का कहना है कि इससे विदेश में भारत की छवि खराब हुई है। जबकि सरकार ने इन हस्तियों के ट्वीट्स को 'दुर्भाग्यपूर्ण' बताया है। सरकार का कहना है कि जल्दबाजी में प्रतिक्रिया देने से पहले सेलिब्रिटीज को तथ्यों की सही जानकारी लेनी चाहिए। किसान आंदोलन पर संसद से सड़क तक सरकार और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप एवं तकरार का सिलसिला जारी है। किसान संगठन अपना आंदोलन खत्म करने के मूड में नहीं हैं। भाकियू नेता राकेश टिकैत ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए सरकार को अक्टूबर तक का समय दिया है। 

गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे विपक्षी सांसदों को पुलिस ने रोका 
धरने पर बैठे किसानों से मिलने के लिए विपक्षी दलों के सांसदों का एक समूह गुरुवार को गाजीपुर बॉर्डर पहुंचा। इस समहू में एनसीपी की सांसद सुप्रिया सुले, डीएमके एमपी कनिमोझी, शिअद की हरसिमरत कौर और टीएमसी के सौगत राय सहित अन्य नेता शामिल हैं। गाजीपुर बॉर्डर पहुंचने के बाद ये नेता जब धरनास्थल की तरफ बढ़े तो दिल्ली पुलिस ने उन्हें आगे बढ़ने से रोक लिया। 

सड़क से कील कांटे हटाए
गाजीपुर बॉर्डर पर धरनास्थल के समीप सड़क पर लगाए गए कील-कांटों को निकाला जा रहा है। किसानों को दिल्ली की तरफ बढ़ने से रोकने के लिए इन कील-काटों को सड़क पर लगाया गया था। दिल्ली पुलिस के इस सुरक्षा इंतजाम की विपक्षी दलों ने तीखी आलोचना की। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने 'किलेबंदी' को लेकर ट्वीट किए।

दिल्ली-एनसीआर में सीआरपीएफ की तैनाती जारी रहेगी
सरकार ने दिल्ली और एनसीआर में सीआरपीएफ की 31 कंपनियों की तैनाती जारी रखने का फैसला किया है। इस तैनाती को दो सप्ताह के लिए और बढ़ा दिया गया है। गत 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान लाल किला, आईटीओ सहित राजधानी के अलग-अलग हिस्सों में हिंसा एवं उपद्रव हुआ, जिसके बाद दिल्ली बॉर्डर पर जारी किसानों के धरना स्थलों के आस-पास सुरक्षा काफी बढ़ा दी गई।   


 

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