दिल्ली में प्राइवेट स्कूलों को सरकार चेतावनी, ट्यूशन फीस ही ले सकेंगे,अतिरिक्‍त शुल्‍क पर रोक

Delhi Private School fees: दिल्ली सरकार ने निजी विद्यालयों को ट्यूशन फीस को छोड़कर कोई अतिरिक्त शुल्क वसूलने के विरूद्ध चेतावनी दी है और उनसे स्कूल के खुलने तक फीस नहीं बढ़ाने को कहा है।

Now private schools will be able to take tuition fees only Delhi government bans extra fees
डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने निजी-सहायता प्राप्त स्कूलों को निर्देश दिया है कि कोई भी स्कूल ट्यूशन फीस के अलावा कोई अन्य फीस चार्ज न करे 

दिल्ली सरकार ने प्राइवेट स्कूलों को ट्यूशन फीस को छोड़कर कोई अतिरिक्त शुल्क वसूलने के विरूद्ध चेतावनी दी है,साथ ही सरकार ने सख्त शब्दों में कहा है कि उल्लंघन करने वाले स्कूलों को दिल्ली स्कूल शिक्षा अधिनियम एवं नियमावली , 1973 के तहत दंडित किया जाएगा दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर ये जानकारी दी है।

दिल्ली सरकार ने चेतावनी दी है कि उल्लंघन करने वाले विद्यालयों को दिल्ली स्कूल शिक्षा अधिनियम एवं नियमावली , 1973 के तहत दंडित किया जाएगा।विद्यालयों के प्राचार्यों को भेजे पत्र में शिक्षा विभाग के निदेशक उदित प्रकाश राज ने कहा कि कोविड-19 महामारी और लंबे समय से स्कूलों के बंद रहने के कारण उनका ऐसा आचरण न केवल पहले जारी किये गये निर्देशों का उल्लंघन होगा बल्कि अमानवीय भी होगा।

छात्रों के माता-पिता को आईडी और पासवर्ड से वंचित नहीं करेंगे

आदेश में यह भी निर्देश है, कि स्कूलों के प्रिंसिपल किसी भी स्थिति में उन छात्रों के माता-पिता को आईडी और पासवर्ड से वंचित नहीं करेंगे जो वित्तीय संकट के कारण स्कूल शुल्क का भुगतान करने में असमर्थ हैं। दिल्ली सरकार को अभिभावकों से प्राइवेट स्कूलों द्वारा स्कूल बंद होने के बावजूद कई अन्य तरह की फीस वसूलने की शिकायत मिली थी शिक्षा विभाग ने अतिरिक्त शुल्क वसूलने वाले स्कूलों को फौरन ये फीस लौटाने को कहा है।

कोरोना की स्थिति को ध्यान में रखते हुए डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने निजी-सहायता प्राप्त स्कूलों को निर्देश दिया है कि कोई भी स्कूल ट्यूशन फीस के अलावा कोई अन्य फीस चार्ज न करे, जिसने छात्रों से ट्यूशन फीस के अलावा कोई अन्य फीस ली है उसे आने वाले महीनो में एडजस्ट करना होगा।

शिक्षा विभाग के निदेशक उदित प्रकाश राज ने कहा, 'ये विद्यालय न्याय और परमार्थ सोसायटी द्वारा चलाये जाते हैं , इसलिए संस्थान के संविधान के तहत उनसे परमार्थ और बिना फायदा कमाये विद्यार्थियों को शिक्षा देने की आशा की जाती है।' उन्होंने कहा कि कुछ निजी विद्यालयों एवं उनके एसोसिएशनों से प्रतिवेदन मिले हैं जिनमें दावा किया गया है कि चूंकि लॉकडाउन खत्म हो गया है इसलिए वे ट्यूशन फीस, वार्षिक शुल्क, विकास शुल्क और अन्य निर्धारित मदों में फीस वसूल सकते हैं। राज ने कहा, 'यह सही नहीं है क्योंकि फिलहाल लॉकडाउन में छूट चरणबद्ध तरीके से दी जा रही है, इसलिए पूर्णरूप से लॉकडाउन हटना बाकी है, और विद्यालयों द्वारा कक्षा शिक्षण अभी शुरू करना बाकी है।'

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