Delhi Election 2020 Opinion Poll: टाइम्स नाउ का ओपिनियन पोल, दिल्ली में AAP को बढ़त, BJP को मिलेंगी इतनी सीटें

Opinion Poll for Delhi Election 2020 (दिल्ली इलेक्शन ओपिनियन पोल): दिल्ली की जनता इस बार चुनाव को लेकर क्या सोच रही है। यह जानने के लिए टाइम्स नाउ ने एक सर्वे किया है।

Opinion poll on Delhi Chunav
दिल्ली चुनाव पर टाइम्स नाउ का ओपिनियन पोल 

नई दिल्ली: दिल्ली चुनाव में सभी राजनीतिक दल अपनी जीत के दावे कर रहे हैं लेकिन सत्ता का सेहरा किसी एक पार्टी के सिर बंधेगा। दिल्ली की जनता का जनादेश 11 फरवरी को आएगा लेकिन इस चुनाव प्रचार के बीच टाइम्स नाउ ने जनता की नब्ज टटोलने की कोशिश की और यह जानना चाहा कि वह किसे अपने लिए एक अच्छा विकल्प के रूप में देख रही है। टाइम्स नाउ-IPSOS के ओपिनियन पोल में दिलचस्प एवं चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि दिल्ली की जनता एक बार फिर आम आदमी पार्टी में अपना भरोसा दिखाती नजर आ रही है। 

इस ओपिनियन पोल के जरिए जनादेश से पहले वोटर के 'मूड' को डिकोड किया। अपिनियन पोल के मुताबिक आम आदमी पार्टी को 54 से 60 सीटें मिल सकती हैं। बीजेपी को 10 से 14 सीटें मिल सकती हैं। कांग्रेस को 0-2 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है। 

ओपिनियन पोल के मुताबिक कांग्रेस इस चुनाव मैदान से बाहर है। बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच मुख्य मुकाबला है। टाइम्स नाउ-IPSOS पोल के मुताबिक 70 विधानसभा सीटों में से AAP को 54-60 सीटें मिलने का अनुमान है जबकि बीजेपी को 10-14 सीटें जीतने की संभावना है। बीजेपी को 2015 में मिली 3 सीटों में सुधार की संभावना है। जबकि AAP की 67 सीटों में से कम होने की उम्मीद है।

यह पाया गया कि 60% मतदाताओं ने कांग्रेस पार्टी को छोड़ दिया है, जबकि बीजेपी ने मतदाता आधार में 23% की कमी देखी है और सबसे आगे AAP ने केवल 17% अपने मतदाता आधार में परिवर्तन देखा है। यह ध्यान देने वाली बात है कि कांग्रेस पार्टी के मतदाता आधार में भारी बदलाव से किस पार्टी को फायदा होगा।

किसने दिल्ली का सबसे ज्यादा विश्वास जीता?

सीएए के समर्थन में 52 प्रतिशत मतदाता हैं जबकि खिलाफ में 17 प्रतिशत मतदाता है। 25 प्रतिशत मतदाताओं ने न तो कहा और न तो नहीं कहा।

अगले 5 वर्षों तक राष्ट्रीय राजधानी पर शासन करने के लिए लाखों दिल्लीवासी आठ फरवरी को वोट डालेंगे। 11 फरवरी को नतीजे आएंगे। बीजेपी कांग्रेस दोनों पार्टियों का दावा है कि चुनाव वे जीतेंगे। केजरीवाल ने 2015 के विधानसभा चुनाव में 70 में 67 सीटें जीत ली थीं। जबकि भाजपा को महज तीन सीटें मिली थीं। कांग्रेस इस चुनाव में एक भी सीट नहीं जीत पाई। इस बार चुनाव प्रचार में सभी दलों ने अपनी ताकत झोंक दी है।

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