Delhi Violence: दिल्ली हिंसा मामले में उमर खालिद को 22 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत

Umar Khalid judicial custody: दिल्ली पुलिस की स्पेशल ने गत 14 सितंबर को गैर-कानूनी गतिविधियां निरोधक कानून (यूएपीए) के उमर खालिद को गिरफ्तार किया। उत्तर पूर्वी दिल्ली हिंसा मामले में यह गिरफ्तारी हुई।

 Umar Khalid sent to judicial custody till Oct 22 in UAPA case
उमर खालिद को 22 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया।  |  तस्वीर साभार: ANI
मुख्य बातें
  • दिल्ली हिंसा मामले में जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद की हुई है गिरफ्तारी
  • दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गत 14 सितंबर को उमर को अरेस्ट किया
  • 10 दिनों की पुलिस हिरासत पूरी होने के बाद उमर को कोर्ट में पेश किया गया

नई दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र उमर खालिद को 22 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। उत्तर पूर्वी दिल्ली हिंसा मामले में कथित संलिप्तता पर उमर को हिरासत में भेजा गया है। 10 दिनों की पुलिस हिरासत खत्म होने पर दिल्ली पुलिस ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उमर को कड़कड़डूमा कोर्ट में पेश किया। दिल्ली पुलिस की स्पेशल ने गत 14 सितंबर को गैर-कानूनी गतिविधियां निरोधक कानून (यूएपीए) के उसे गिरफ्तार किया।

दिल्ली हिंसा में संलिप्त होने का आरोप 
दिल्ली पुलिस ने अपनी एफआईआर में कहा है कि उत्तर पूर्वी दिल्ली में गत 23 फरवरी से 25 फरवरी के बीच हुई हिंसा 'एक सोची समझी साजिश' के तहत अंजाम दी गई और इस हिंसा में कथित रूप से उमर खालिद और दो अन्य शामिल थे। जेएनयू के इस पूर्व छात्र पर देशद्रोह, हत्या, हत्या की कोशिश और धर्म के आधार पर दो समुदायों के बीच शत्रुता बढ़ाने का केस भी दर्ज है। 

उमर पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप
पुलिस ने अपनी एफआई में कहा है कि उमर ने दो जगहों पर कथित रूप से भड़काऊ भाषण दिए। उसने लोगों से घरों से बाहर आने और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत दौरे के दौरान सड़कों को बंद करने की अपील की। हिंसा के लिए अमेरिका राष्ट्रपति की यात्रा के समय को इसलिए चुना गया ताकि अंतरराष्ट्रीय मीडिया में भारत के बारे में यह छवि बने कि यहां अल्पसंख्यकों के साथ अत्याचार होता है।

दिल्ली पुलिस ने मामले में आरोपपत्र दाखिल किया
बता दें कि पुलिस ने गत 16 सितंबर को दिल्ली हिंसा मामले में अपना आरोपपत्र दायर किया। पुलिस ने 15 लोगों को हिंसा फैलाने के लिए मुख्य साजिशकर्ता माना है। हालांकि इन 15 नामों में उमर और शरजील इमाम का नाम नहीं है। पुलिस का कहना है कि चूंकि इन दोनों की गिरफ्तारी हाल में हुई है। ऐसे में इनका नाम पूरक चार्जशीट में शामिल किया जाएगा। पुलिस ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में जांच जारी है और आने वाले समय में पूरक चार्जशीट दाखिल की जा सकती है।

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