जानें कौन हैं दिल्ली के नए उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना, सफलताओं से भरा है करियर

Vinai Kumar Saxena: विनय कुमार सक्सेना को दिल्ली का नया उपराज्यपाल नियुक्त किया गया है और उन्हें खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) का नेतृत्व करने का गौरव प्राप्त है।

Vinai Kumar Saxena
विनय कुमार सक्सेना 
मुख्य बातें
  • विनय कुमार सक्सेना ने अपनी उपलब्धियों के लिए कई पुरस्कार भी जीते हैं
  • सक्सेना तीन दशकों से अधिक के विशाल अनुभव के साथ भारतीय कॉर्पोरेट और सामाजिक क्षेत्र में एक जाना-माना नाम हैं
  • उनके नेतृत्व में खादी और ग्रामोद्योग आयोग के कारोबार में वृद्धि हुई

विनय कुमार सक्सेना दिल्ली के नए उपराज्यपाल बनाए गए हैं। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के कार्यालय ने 23 मई को इसकी घोषणा की। राष्ट्रपति के प्रेस सचिव अजय कुमार सिंह ने कहा कि भारत के राष्ट्रपति को श्री विनय कुमार सक्सेना को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली का उपराज्यपाल नियुक्त करते हुए प्रसन्नता हो रही है। 

सक्सेना खादी और ग्रामोद्योग आयोग के वर्तमान अध्यक्ष हैं, जो सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के तहत एक संगठन है। उनका जन्म 23 मार्च 1958 को हुआ था। सक्सेना ने 1981 में कानपुर विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि प्राप्त की और पायलट लाइसेंस प्राप्त किया। सक्सेना गवर्नर पद के लिए चुने गए पहले कॉर्पोरेट व्यक्ति हैं। उन्हें 1995 में गुजरात में प्रस्तावित बंदरगाह परियोजना की देखरेख के लिए महाप्रबंधक के रूप में पदोन्नत किया गया था। इसके बाद वह तेजी से सीईओ बने और बाद में धोलेरा पोर्ट प्रोजेक्ट के निदेशक के रूप में पदोन्नत हुए।

अक्टूबर 2015 में सक्सेना को केवीआईसी के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था। उनके नेतृत्व में केवीआईसी के कारोबार में 248 प्रतिशत की भारी वृद्धि हुई, जबकि केवल सात वर्षों में बड़े पैमाने पर 40 लाख नए रोजगार सृजित हुए। मार्च 2021 में उन्हें भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय समिति के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया था। नवंबर 2020 में उन्हें वर्ष 2021 के पद्म पुरस्कार चयन पैनल के सदस्य के रूप में नामित किया गया था।

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1984 में विनय कुमार सक्सेना एक सहायक अधिकारी के रूप में राजस्थान के प्रसिद्ध जेके समूह में शामिल हुए थे। राज्य में समूह के व्हाइस सीमेंट प्लांट में उन्होंने विभिन्न पदों पर 11 साल तक काम किया। 1991 में उन्होंने नेशनल काउंसिल फॉर सिविल लिबर्टीज (एनसीसीएल) की स्थापना की, जो एक गैर-लाभकारी गैर सरकारी संगठन है जिसका मुख्यालय अहमदाबाद में है। एनसीसीएल को कानून और न्याय मंत्रालय द्वारा मान्यता प्राप्त है।

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