Delhi MLAs Salary Hike: दिल्ली में विधायकों अब भत्ते मिलाकर हर महीने मिलेंगे 90 हजार, दिल्ली कैबिनेट की मंजूरी

Delhi MLAs Salary Update: दिल्ली सरकार ने केंद्र के प्रस्ताव के अनुसार विधायकों के वेतन वृद्धि को मंजूरी दी, विधायकों को अब 30,000 रुपये प्रति माह वेतन मिलेगा।

Delhi government approves salary hike of MLAs as per Centre's proposal
2011 के बाद यानी दस साल से दिल्ली के विधायकों के वेतन में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है 
मुख्य बातें
  • केंद्र सरकार द्वारा दिए सुझाव पर ही दिल्ली कैबिनेट ने चर्चा करके नए प्रस्ताव पर मोहर लगा दी है
  • दस साल से दिल्ली के विधायकों के वेतन में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है
  • दिल्ली अभी भी उन राज्यों में से एक है, जो अपने विधायकों को सबसे कम वेतन और भत्ते देता है

नई दिल्ली: दिल्ली कैबिनेट के प्रस्ताव के मुताबिक अब दिल्ली के विधायकों को 30,000/महीना वेतन मिलेगा जबकि अभी दिल्ली के विधायकों को प्रति माह 12,000 वेतन मिलता है,  साथ ही, मंगलवार को दिल्ली कैबिनेट द्वारा पास किए गए प्रस्ताव में विधायकों को वेतन और अन्य भत्तों को मिलाकर कुल 90,000 /महीना मिलेगा, जबकि वर्तमान में विधायकों का वेतन-भत्ता 54,000/महीना है।

सूत्रों के मुताबिक साल 2015 में दिल्ली सरकार ने विधायकों के वेतन बढ़ाने का कानून दिल्ली विधानसभा से पास करके केंद्र सरकार को भेजा था जिसको केंद्र सरकार ने अस्वीकार कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार ने विधायकों के वेतन और भत्ता के मामले में कुछ सुझाव भी दिए हैं। केंद्र सरकार द्वारा दिए सुझाव पर ही दिल्ली कैबिनेट ने चर्चा करके नए प्रस्ताव पर मोहर लगा दी है।

आपको बता दें 2011 के बाद यानी दस साल से दिल्ली के विधायकों के वेतन में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। दिल्ली कैबिनेट द्वारा पास किया गया नया प्रस्ताव अब केंद्र सरकार की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा और केंद्र की मंजूरी के बाद दिल्ली सरकार दोबारा दिल्ली विधानसभा में बिल लेकर आएगी।

दिल्ली कैबिनेट की बैठक में पास हुआ विधायकों का नया प्रस्तावित वेतन-भत्ता


1. बेसिक वेतन- 30,000

2. चुनाव क्षेत्र भत्ता- 25,000

3. सचिवालय भत्ता- 15,000

4.  वाहन भत्ता- 10,000

5.  टेलीफोन- 10,000

कुल- ₹90,000

वहीं, दिल्ली सरकार के सूत्रों का कहना है कि "दिल्ली अभी भी उन राज्यों में से एक है, जो अपने विधायकों को सबसे कम वेतन और भत्ते देता है। कई भाजपा, कांग्रेस और क्षेत्रीय पार्टियों द्वारा शासित राज्य अपने विधायकों को बहुत अधिक वेतन प्रदान करते हैं, जबकि दिल्ली में रहने का खर्च भारत के अधिकांश हिस्सों की तुलना में बहुत अधिक है। इसके अलावा, कई राज्य अपने विधायकों को कई अन्य सुविधाएं और भत्ते प्रदान करते हैं, जो दिल्ली सरकार नहीं प्रदान करती है। जैसे- हाउस किराया भत्ता, कार्यालय किराया और कर्मचारियों के खर्च, कार्यालय उपकरणों को खरीदने के लिए भत्ता, उपयोग के लिए वाहन, चालक भत्ता आदि प्रदान नहीं करती है"

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