CM केजरीवाल ने बताया-कैसे दूर होगी पराली की समस्या, बॉयो डिकंपोजर का छिड़काव करने की अपील  

Arvind Kejriwal speaks on Bio decomposer: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि उनकी सरकार ने पराली समस्या (Stubble Burning) का तोड़ निकाल लिया है।

 Arvind Kejriwal appeals states to use Bio decomposer to fight stubble burning
अरविंद केजरीवाल ने बताया पराली समस्या का समाधान।  |  तस्वीर साभार: ANI
मुख्य बातें
  • दिल्ली के सीएम केजरीवाल का कहना है कि उनकी सरकार ने पराली समस्या का हल ढूंढ लिया है
  • केजरीवाल ने राज्यों से अपने यहां बॉयो डिकंपोजर का मुफ्त छिड़काव कराने की अपील की है
  • दिल्ली के सीएम ने कहा कि वह अपनी रिपोर्ट को लेकर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से जल्द मिलेंगे

नई दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दावा किया है कि उनकी सरकार ने पराली जलाने की समस्या का हल ढूंढ निकाला है। केजरीवाल ने सोमवार को कहा कि उनकी सरकार ने किसानों के खेतों में मुफ्त में बॉयो डिकंपोजर का छिड़काव कराया। इस छिड़काव के उत्साहित करने वाले नतीजे मिले हैं। सीएम ने कहा कि बॉयो डिकंपोजर के इस्तेमाल से 15 से 20 दिनों में पराली गलकर खाद बन जाती है। केजरीवाल ने केंद्र सरकार से पड़ोसी राज्यों में बॉयो डिकंपोजर का छिड़काव कराने की अपील की है। उन्होंने कहा कि पराली की समस्या के लिए किसान जिम्मेदार नहीं है। 

दिल्ली सरकार ने किसानों के खेतों में छिड़काव कराया

दिल्ली के सीएम ने कहा कि उनकी सरकार ने दिल्ली के किसानों के खेतों में मुफ्त में बॉयो डिकंपोजर का छिड़काव कराया। किसान इससे काफी खुश हैं। इस छिड़काव से पराली 15 से 20 दिनों में गलकर खाद बन गई। यह पाया गया कि इस छिड़काव से खेतों का उपजाऊपन में वृद्धि हुई। पराली खाद बनने से खेत में नाइट्रोजन, कार्बन और फंगस की मात्रा बढ़ गई। यहां तक किसानों को पहले खेत को तैयार करने के लिए छह से सात बार तक जोतना पड़ता था लेकिन अब दो बार में ही खेत तैयार हो गई।  

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से मिलेंगे केजरीवाल

केजरीवाल ने कहा कि सर्दी के मौसम में पड़ोसी राज्यों में पराली जाए जाने से दिल्ली में प्रदूषण की मात्रा काफी बढ़ जाती है। दिल्ली सरकार ने इस समस्या का हल ढूंढ निकाला है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह केंद्र सरकार से अपील करेंगे कि वह राज्यों को अपने यहां किसानों के खेतों में बॉयो डिकंपोजर छिड़काव करने का निर्देश दे। उन्होंने कहा कि वह अपनी रिपोर्ट को लेकर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से मुलाकात करेंगे। सीएम ने कहा कि केंद्र की एक एजेंसी ने बॉयो डिकंपोजर छिड़काव को उपयुक्त पाया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2 करोड़ दिल्ली वालों ने मिलकर कई ऐसे कदम उठाए हैं जिसकी वजह से पूरे साल अब दिल्ली की हवा साफ रहने लगी है लेकिन अब अक्टूबर-नवम्बर आने वाला है। 10 अक्टूबर के आस-पास से दिल्ली की हवा फिर से खराब होने लगेगी।

दिल्ली के 39 गांवों में,1935 एकड़ जमीन पर हुआ छिड़काव

धान की फसल अक्टूबर के महीने में किसान काटता है, जो डंठल जमीन पर रह जाता है उसे पराली कहते हैं। गेंहू की फसल की बुआई करने के लिए किसान पराली जला देते हैं। केजरीवाल ने कहा कि पूसा का बायो डिकम्पोजर सस्ता है। उसका हमने दिल्ली के 39 गांवों में,1935 एकड़ जमीन पर इसका छिड़काव कराया। इस छिड़काव की वजह से डंठल गल जाता है और जमीन बुआई के लिए तैयार हो जाती है। 

वेबकॉस की रिपोर्ट ने छिड़काव को सही पाया

दिल्ली सरकार ने इसका केंद्र सरकार की एजेंसी वेबकॉस से ऑडिट कराया। वेबकॉस की रिपोर्ट आई है। इस रिपोर्ट में 4 जिलों के 15 गांव में जाकर 79 किसानो से बातचीत की गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपोजर का इस्तेमाल करने से दिल्ली के किसान बड़े खुश हैं। 90% किसानों ने कहा कि 15 से 20 दिनों के अंदर उनकी पराली गल गई और उनकी जमीन गेहूं की फसल बोने के लिए तैयार हो गई। 
 

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