Bihar Board Result 2022: नतीजों ने दी मुस्कान तो चुनौती और बढ़ी लेकिन डरना क्या, सोच- समझकर चुनें आगे की राह

मार्च और अप्रैल के महीने में जब अलग अलग बोर्ड 10वीं और 12वीं के नतीजों को जारी करते हैं तो स्वाभाविक तौर पर कई तरह की उलझन रहती है कि अब आगे क्या। लेकिन उन्हीं उलझनों से तो आपको बाहर निकल कर आगे चल पड़ना है। नतीजों के विश्लेषण के बाद आप खुद तय कर सकते हैं कि किस क्षेत्र में अपना सर्वश्रेष्ठ दे सकते हैं।

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Bihar Board Result 2022: नतीजों ने दी मुस्कान तो चुनौती और बढ़ी लेकिन डरना क्या, सोच- समझकर चुनें आगे की राह 

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा मैट्रिक वार्षिक परीक्षा ( हाईस्कूल ) का परिणाम घोषित कर दिया गया है । कोरोना काल में विद्यार्थियों के लिए ये दोतरफा परीक्षा की घड़ी थी । एक तो मैट्रिक जैसे सबसे महत्वपूर्ण पड़ाव को पार करने का तनाव और दूसरी तरफ कोरोना के कारण चारों तरफ फैली नकारात्मकता से लड़कर पढ़ाई का तनाव । लेकिन बिहार बोर्ड के परिणाम ने आज लाखों विद्यार्थियों के चेहरे पर खुशी की मुस्कान फैला दी । हाँलांकि कुछ विद्यार्थियों को अपेक्षा के अनुरूप परिणाम प्राप्त ना हुआ होगा, लेकिन निराश होने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि ये कोई मन्जिल नहीं बल्कि कामयाबी की सीढ़ी का पहला पायदान है । जरूरी नहीं कि आज आप पिछड़ गए हैं तो आगे भी पिछड़ते चले जायेंगे बल्कि आपने यदि अपने मनोबल को ऊँचा बनाये रखा तो आप जिन्दगी की रेस में बहुत आगे निकल जायेंगे । इसके साथ- साथ अच्छे अंक लाने वाले विद्यार्थी भी इसे सिर्फ एक पड़ाव के रूप में ही लें , इससे अधिक कुछ नहीं ।

हाँ , मैंने इसे पड़ाव इसलिए कहा कि अब 11 वीं में आप क्या रास्ता चुनेंगे और किस प्रकार से उस मार्ग को तय करेंगे , वह तय करेगा कि आप आगे चलकर क्या बनेंगे । मैट्रिक के बाद ही आपको तय करना होगा कि आप मानविकी विषय लेते हैं या साइंस या कॉमर्स । लेकिन यक्ष प्रश्न यही है कि आप कौन सी स्ट्रीम चुनें । तो आईये इसके लिए आपको कुछ आधारभूत बातें समझाता हूँ ।

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सबसे पहले तो कोई भी साइड चाहे आर्ट हो या साइंस या कॉमर्स , किसी की देखा- देखी नहीं चुनना है । प्रायः विद्यार्थी अपने मित्र की राय से अधिक चलते हैं । यदि जिगरी दोस्त या सहेली ने साइंस ले ली तो खुद भी साइंस ले ली । यदि दोस्त ने कॉमर्स ले ली तो फिर कॉमर्स ही चुन ली । ऐसा बिल्कुल भी ना करें । इस उम्र में अधिकतर बच्चे दोस्ती में बहुत यकीन करते हैं और अपनेदोस्तों की राय को बिना मूल्यांकन किये अच्छी मानकर उसी मार्ग पर चल पड़ते हैं । जबकि यदि आप सच में कामयाब होना चाहते हैं तो किसी की पसन्द- नापसन्द या उस से प्रभावित होकर निर्णय नहीं लेना चाहिए ।

आपने जो जीवन का लक्ष्य बनाया है , उसी लक्ष्य के लिए आवश्यक साइड को चुनिये । जैसे यदि आप मिलिट्री में ऑफिसर रैंन्क पर जाना चाहते हैं तो साइंस स्ट्रीम चुनिये । इन्जिनियर या डॉक्टर बनना चाहते हैं तो क्रमशः गणित व बायोलॉजी चुन लीजिये । यदि आप सी.ए. या एकाउन्टेंट या उद्योग के क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहते हैं तो कॉमर्स चुन लीजिये । सिविल सेवा , अध्यापन या समाज सेवा के क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहते हैं तो आर्ट विषय अधिक उपयोगी साबित हो सकते हैं । यदि आप निर्णय लेने में स्वयं को असमर्थ महसूस कर रहे हैं तो सबसे पहले अपने माता- पिता से खुलकर चर्चा करें । माता- पिता को भी चाहिए कि वे अपने बच्चों से इस विषय में खुलकर चर्चा करें और अपनी इच्छा , पसन्द- नापसन्द, सपनों को बच्चों के ऊपर ना लादें । ईश्वर ने हर किसी को किसी ना किसी विशेष कार्य के लिए चुना है इसलिए कुछ न कुछ विशेष प्रतिभा देकर भेजा है । माता- पिता के रूप में उनका दायित्व है कि वे अपने बच्चों में छिपी उस प्रतिभा का निष्पक्ष मूल्यांकन करें और उस प्रतिभा को और कैसे निखारा जा सकता है , उसी दिशा में आगे बढ़ाने का प्रयास करें।
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प्रत्येक विद्यार्थी को अपना भी निष्पक्ष मूल्यांकन करना है । हर बच्चा अपनी खूबियों व अपनी कमजोरियों से बखूबी परिचित होता है । इसलिए बजाय किसी की राय या इच्छा से प्रेरित होने के अपनी प्रतिभा , इच्छा व परिस्थितियों के आधार पर अपना रास्ता चुनिये ।एक बात जो सबसे महत्वपूर्ण है कि इण्टरमीडियेट के दो साल जीवन के सबसे बेशकीमती साल हैं । इन दो सालों की मेहनत पूरी नहीं तो कम से कम आपकी आधी किस्मत तो तय कर ही देगी । इसलिए इन दो सालों को यारी- दोस्ती, मौज- मस्ती में व्यर्थ गवाँने की बजाय अपने आप को मेहनत की भट्टी में झोंक दीजिये । आप नहीं जानते कि ये दो साल कितने महत्वपूर्ण हैं । इसका

महत्व आप बाद में समझेंगे जब आप कामयाब या नाकामयाब हो जायेंगे । मेरा पुनः आग्रह है कि बहुत सोच- समझकर अपनी साइड चुनिये और जो भी साइड चुनिये , उसी पर पूरा ध्यान केन्द्रित कर अपनी पूरी ताकत झोंक दीजिये । अन्त में इन दो पंक्तियों से मैं आपको एक बहुत ही महत्वपूर्ण सन्देश देना चाहूँगा कि-

“आज शिद्दत से करो , कोशिश चिराग जलाने की ।

कौन जाने तुम्हीं से कल रोशन सारा जहाँ हो ।।”

- डॉ. श्याम सुन्दर पाठक ‘अनन्त’

( लेखक उत्तर प्रदेश के जी.एस.टी. विभाग में असिस्टेंट कमिश्नर हैं और एक प्रसिद्ध प्रेरक व्याख्याता , कवि व कैरियर व लाइफ कोच भी हैं । )

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