CBSE: 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के लिए  7 सितंबर से 15 अक्टूबर तक  भरे जाएंगे फॉर्म

एजुकेशन
आईएएनएस
Updated Sep 03, 2020 | 23:11 IST

सीबीएसई ने कहा, '10वीं और 12वीं की 2021 में होने वाली परीक्षा के लिए परीक्षा फॉर्म 7 सितंबर से 15 अक्टूबर तक भरे जाएंगे।

CBSE Forms to be filled for 10th and 12th board examinations between 7 sep to 15 october 2020
15 अक्टूबर तक जो छात्र फॉर्म नहीं भर पाते हैं, वह लेट फीस के साथ 16 से 31 अक्टूबर तक परीक्षा फॉर्म भर सकते हैं 

सीबीएसई ने अपने निर्देश में कहा छात्रों को 12वीं में प्रायोगिक परीक्षा के लिए 150 रुपये प्रति विषय शुल्क अलग से देना होगा। दसवीं कक्षा के छात्रों को अतिरिक्त विषय के लिए तीन सौ रुपये प्रति विषय देने होंगे। छात्र माइग्रेशन सर्टिफिकेट भी ले सकते हैं। इसके लिए 350 रुपये शुल्क देना होगा।10वीं और 12वीं के परीक्षा फॉर्म भरने के साथ-साथ केंद्रीय बोर्ड ने 9वीं और 11वीं के लिए रजिस्ट्रेशन की तिथि भी जारी की है। इसकी सूचना स्कूलों को भेजी गई है। स्कूलों को 9वीं और 11वीं के छात्रों का रजिस्ट्रेशन सात सितंबर से शुरू करना है,15 अक्टूबर तक जो छात्र फॉर्म नहीं भर पाते हैं, वह लेट फीस के साथ 16 से 31 अक्टूबर तक परीक्षा फॉर्म भर सकते हैं।

बिना लेट फीस के रजिस्ट्रेशन चार नवंबर तक किया जायेगा। इसके लिए छात्रों को तीन सौ रुपये शुल्क देना होगा। विलंब शुल्क के साथ 5 नवंबर से 13 नवंबर तक रजिस्ट्रेशन होगा।कोरोना महामारी को देखते हुए कक्षा 9 से 12 तक छात्रों के सिलेबस में कटौती भी की गई है। सीबीएसई ने पाठयक्रम को 30 प्रतिशत तक कम कर दिया है। यह कटौती केवल मौजूदा शैक्षणिक वर्ष तक सीमित रहेगी।

कोरोना वायरस के कारण ये फैसला लिया गया है। तीन से चार टॉपिक्स जैसे राष्ट्रवाद, स्थानीय सरकार, संघवाद को सिलेबस से बाहर किया गया है। इसके अलावा भी सभी विषयों के सिलेबस में कटौती की गई है।पाठ्यक्रम में सीबीएसई द्वारा की गई इस कटौती का असर 11वीं कक्षा में पढ़ाए जाने जाने वाले संघीय ढांचा, राज्य सरकार, नागरिकता, राष्ट्रवाद और धर्मनिरपेक्षता जैसे अध्याय पर दिखेगा। सीबीएसई ने इन सभी अध्याय को मौजूदा एक वर्ष के लिए सिलेबस से हटा दिया है।

वहीं 12वीं कक्षा के छात्रों को अब मौजूदा वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था का बदलता स्वरूप, नीति आयोग, जीएसटी जैसे विषय हैं जो नहीं पढ़ाए जाएंगे। यह कटौती केवल मौजूदा शैक्षणिक वर्ष तक सीमित रहेगी।
 

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