मानव संसाधन मंत्रालय ने छात्रों की मानसिक समस्या को दूर करने के लिए आज ‘मनोदर्पण’ कार्यक्रम शुरू किया। बच्चों की मानसिक, भावनात्मक समस्या को दूर करने की जिम्मेदारी सरकार ने उठायी है। छात्रों को मानसिक विकार से दूर करने, समस्या से उबरने के लिए आज ‘मनोदर्पण’ कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। मानव संसाधन विकास मंत्री डॉक्टर रमेश पोखरियाल निशंक ने ‘मनोदर्पण’ आज लॉन्च किया। इसकी जानकारी पोखरियाल ने अपने ट्वीटर हैंडल पर दी।
दसवीं, बारहवीं के परिणाम के बाद ही क्यों ?
असल में दसवीं, बारहवीं की परीक्षा के बाद सरकार ने इस कार्यक्रम को लॉन्च करने के बारे में सोचा। क्योंकि ये ऐसा समय है, जब छात्रों के मन में बहुत से सवाल और समस्या उफान पर होती है। सरकार ने इसीलिए इस समय को इसके लिए बेहतर समझा।
छात्रों की मनोवैज्ञानिक समस्या होगी दूर
मनोदर्पण एक ऐसा कार्यक्रम है, जिसमें कई रचनात्मक कार्य और सुझाव हैं। इससे छात्रों का मन साफ होगा। कोरोना काल में उनके मन में चल रही उलझनों को सुलझाने के लिए ये कार्यक्रम लॉन्च किया गया। छात्रों की मनोवैज्ञानिक समस्या को दूर करने,और उन्हें जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करना ही इस प्रोग्राम का मुख्य लक्ष्य है।
शिक्षकों और अभिभावकों के लिए भी
मनोदर्पण कार्यक्रम से न सिर्फ छात्रों को बल्कि इससे उनके माता-पिता और शिक्षकों के लिए भी बहुत ही सहायक साबित होंगे। असल में छात्रों के जीवन में होने वाली समस्याएं सिर्फ उनके तक ही सिमित नहीं होतीं। उनके माता-पिता और उनके शिक्षकगण भी इसी समस्या में सने रहते हैं। मनोदर्पण तीनों के लिए बहुत ही सहायक होगा।
कोविड-19 के इस मुश्किल समय में छात्रों के मन को शांत रखना, उनके लक्ष्य को जागृत करना और उन्हें जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा मनोदर्पण को लॉन्च किया गया।