IAS Success Story: गरिमा अग्रवाल के मुताबिक सिविल सर्विस की परीक्षा को क्रैक करने वाले हर शख्स की अपनी एक कहानी होती है। कोई पहली बार में तो किसी को दो से तीन अटेम्प्ट देने के बाद सफलता हासिल होती है। उनके मुताबिक देर जरूर होती है लेकिन मेहनत करने वाले लोगों को सफलता जरूर मिलती है। उन्होंने बताया कि इस परीक्षा की तैयारी करने से पहले कुछ बातों पर खास ध्यान देना चाहिए। ये बातें आम नहीं बल्कि गरिमा के मूल मंत्र हैं।
गरिमा अग्रवाल साल 2018 के सिविल सर्विस की परीक्षा में 40वीं रैंक हासिल की है। इससे पहले उन्होंने साल 2017 में सिविल सर्विस की परीक्षा दी थी। इस परीक्षा में उन्होंने 241वीं रैंक हासिल की थी। गरिमा के मुताबिक उन्होंने इस परीक्षा की तैयारी करने के लिए खास बातों का ध्यान दिया। जिसकी मदद से वो अगले साल यानी साल 2018 में बेहतर रैंक ला सकीं। गरिमा ने शेयर किया कि उन्होंने कौन सी स्ट्रेटेजी अपनाई जिसकी वजह से उनका स्कोर और रैंक इम्प्रूव दोनों हुआ।
मिनिमम रिसोर्सेज, मैक्सिम रिवीजन- आपके पास पढ़ने के लिए काफी कुछ है, ऐसे में सोर्स एक ही तय करें और रिवीजन ज्यादा करें। क्योंकि एक टॉपिक पर हर जगह अलग-अलग परिभाषा दी होती है। ऐसे में हर किसी को नहीं पढ सकते हैं, इसलिए सोर्स एक होनी चाहिए और रिवीजन अधिक से अधिक होनी चाहिए।
डिस्ट्रेक्शन से दूर रहें - गरिमा के मुताबिक जो आपको पढ़ाई से डिस्ट्रैक्ट करें उससे दूर रहना चाहिए, जैसे सोशल मीडिया। उन्होंने बताया कि तैयारी के वक्त फेसबुक तो पहले ही डिलीट कर दिया था, लेकिन व्हाट्सप्प को डिलीट करना मुश्किल लग रहा था। क्योंकि ये आपके लिए सोर्स भी है। ऐसे में अगर आपको लगे कि ये डिस्ट्रैक्ट कर रहा है तो इससे दूरी बना लेनी चाहिए।
लाइब्रेरी - कई बार आप एक ही किताब पढ़ते पढ़ते बोर हो जाते हैं। ऐसे में आपके पास किताबों की वैराइटी होनी चाहिए। जिसके लिए लाइब्रेरी की आदत होना एक बेहतर ऑप्शन है। जहां आपको अलग-अलग किताबें पढ़ने का मौका मिलेगा।
सपोर्ट सिस्टम - आपके लाइफ में एक सपोर्ट सिस्टम होना चाहिए। जिससे आप अपनी दिल की बात खुलकर बता सकें। क्योंकि जब भी आप इसकी तैयारी करते हैं तो लोग हमेशा रिजल्ट के बारे में पूछते हैं और फिर ताने देते हैं कि कब तक पढ़ते रहोगे। ऐसा इसलिए क्योंकि लोगों में धैर्य नहीं होता और वो बाते बनाते हैं, उससे कहीं ना कहीं आप भी प्रभावित होते हैं। इसलिए आपके पास भी कोई सपोर्ट सिस्टम होना चाहिए जो आपको हर वक्त प्रोत्साहित करें।
ग्रुप स्टडी - लोग कई बार ग्रुप स्टडी का गलत फायदा उठाते हैं जो कि बिल्कुल नहीं करना चाहिए। अगर ग्रुप स्टडी के नाम पर लोग बाते करते हैं, समय बर्बाद करते हैं तो ऐसे ग्रुप स्टडी से दूर रहना चाहिए। लेकिन अगर कोई ऐसा है जो तैयारी करवाने में आपकी मदद करें। क्योंकि कई बार साथ में पढ़ाई करने से तैयारी पक्की होती है।
सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता - गरिमा के मुताबिक जब आप तैयारी करते हैं और सफलता हासिल नहीं होती है तो जरूरी नहीं कि हताश हो जाए। बल्कि कोशिश करें कि जो गलतियां की है वो आगे ना हो। इस मकसद से तैयारी करें तो सफलता जरूर मिलती है। लोगों को समझना होगा कि देर होती है लेकिन सफलता ना मिले ये मुमकिन नही है।