CA Exam:सीए की आगामी परीक्षायें ऑनलाइन कराना संभव नहीं,आईसीएआई ने कोर्ट को बताया

एजुकेशन
भाषा
Updated Nov 05, 2020 | 00:52 IST

CA examinations online:आईसीएआई ने कहा कि उसकी तीन घंटे की यह परीक्षा एक अलग तरह की होती है जिसमे निशान नहीं लगाने होते बल्कि प्रश्नों के विस्तृत उत्तर लिखने होते हैं।

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चार्टर्ड अकाउन्टेन्ट की परीक्षायें 21 नवंबर से 14 दिसंबर तक होनी हैं 

नयी दिल्ली: इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउन्टेन्ट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय से कहा कि सीए की आगामी परीक्षायें ऑनलाइन आयोजित करना संभव नहीं है। कुछ छात्रों ने सुझाव दिया था कि कोविड-19 के मद्देनजर ये परीक्षा ऑनलाइन करायी जाये क्योंकि इसमें परीक्षार्थियों की विश्लेषण करने की क्षमता को परखा जाता है।

न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर, न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने आईसीएआई से कहा कि वह कोविड-19 को लेकर छात्रों के कल्याण के लिये उठाये गये कदमों की जानकारी अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित करें। पीठ ने इसके साथ ही सीए की आगामी परीक्षा के लिये निर्धारित मानकों की जानकारी के लिये दायर याचिका का निबटारा कर दिया।

चार्टर्ड अकाउन्टेन्ट की परीक्षायें 21 नवंबर से 14 दिसंबर तक होनी हैं।याचिका पर सुनवाई के दौरान आईसीएआई की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता रामजी श्रीनिवासन ने कहा कि उनके पास परीक्षा केन्द्रों के रूप में अलग से कमरा नहीं है और न ही चिकित्सकों की सुविधा है।उन्होंने कहा कि शीर्ष अदालत के निर्देशानुसार याचिकाकर्ताओं की वकील बांसुरी स्वराज द्वारा दिये गये सारे सुझावों पर विचार किया है।

उन्होंने कहा, ‘यह सुझाव दिया गया है कि हम यह परीक्षा ऑनलाइन कर सकते हैं। हमारी परीक्षा का स्वरूप भिन्न है और इसलिए हम ऑनलाइन परीक्षा आयोजित नहीं कर सकते हैं।’ उन्होंने कहा कि इस परीक्षा में छात्रों की विश्लेषण क्षमता परखी जाती है।पीठ ने स्वराज से कहा कि याचिकाकर्ताओं को अपनी मांगों के बारे में तर्कसंगत होने की आवश्यकता है और वह उनके रवैये से संतुष्ट नहीं है।श्रीनिवासन ने कहा कि याचिकाकर्ता ने यातायात और आवास की सुविधा मांगी है लेकिन यह संभव नहीं है।

उन्होंने कहा कि आईसीएआई ने गृह मंत्रालय से अनुरोध किया है कि कराने के लिये ई-प्रवेश पत्र से होटल बुक कराने की अनुमति दी जाये।पीठ ने कहा कि यह पहले की तरह ही राज्य से जुड़ा मुद्दा है जब इसी तरह के सुझाव पर सरकार राजी हो गयी थी।पीठ ने स्वराज से सवाल किया कि जब प्रश्नों के उत्तर विस्तार से लिखने हैं तो ऑन लाइन परीक्षा कैसे हो सकती है। ऐसा कैसे हो सकता है।पीठ ने कहा, ‘‘ऐसा कैसे हो सकता है? सिर्फ इसलिए कि न्यायालय ने कई बातों की अनुमति दी हैं, आप लगातार मांग नहीं कर सकते। अपनी मांगों के प्रति तर्कसंगत होइये।’’ पीठ ने आईसीएआई से कहा कि वह याचिकाकर्ताओं द्वारा उठाई गयी समस्याओं के बारे में सारी सूचना वेबसाइट पर जारी करे। इसके साथ ही न्यायालय ने याचिका का निबटारा कर दिया।

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