कोरोना के लक्षण वाले छात्र JEE-Main, NEET दे पाएंगे या नहीं? एक क्लिक में जानें अपने सवालों के जवाब

JEE Main NEET 2020: कोरोना संक्रमण के बीच जेईई-मेन और नीट का आयोजन होने जा रहा है, जिसे लेकर अभिभावकों के साथ-साथ छात्रों के मन में भी कई सवाल हैं। यहां जानें अपने कुछ ऐसे ही सवालों के जवाब :

कोरोना के लक्षण वाले छात्र JEE-Main, NEET दे पाएंगे या नहीं? एक क्लिक में जानें अपने सवालों के जवाब
कोरोना के लक्षण वाले छात्र JEE-Main, NEET दे पाएंगे या नहीं? एक क्लिक में जानें अपने सवालों के जवाब  |  तस्वीर साभार: BCCL
मुख्य बातें
  • JEE-Main का आयोजन 1-6 सितंबर के बीच किया जा रहा है
  • जबकि NEET UG का आयोजन देशभर में 13 सितंबर को होगा
  • नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने इन परीक्षाओं को लेकर गाइडलाइंस जारी की है

नई दिल्‍ली : सुप्रीम कोर्ट ने JEE मेन और NEET UG को स्थगित करने से इनकार कर दिया है, जिसके बाद इन परीक्षाओं का आयोजन अब निर्धारित तिथि पर ही होना है। इंजीनियरिंग और मेडिकल की प्रवेश परीक्षाओं में लगभग 25 लाख छात्रों के शामिल होने की उम्‍मीद की जा रही है। JEE Main का आयोजन जहां 1 से 6 सितंबर के बीच किया जा रहा है, वहीं NEET UG का आयोजन देशभर में 13 सितंबर को होगा।

क्‍या कहती है NTA की गाइडलाइंस?

इस बीच छात्रों और उनके अभिभावकों के मन में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। सवाल यह भी है कि अगर किसी छात्र में कोरोना संक्रमण के सामान्‍य लक्षण हैं तो वे परीक्षा दे पाएंगे या नहीं या फिर अगर किसी छात्र में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है तो वह परीक्षा दे सकता है या नहीं? तो इस संबंध में नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) की ओर से जारी दिशा-निर्देशों को समझ लेने की जरूरत है।

एनटीए के दिशा-निर्देशों के अनुसार, परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों को यह लिखित स्वयं-घोषणा पत्र देना होगा कि उनमें कोरोना से जुड़ा कोई लक्षण नहीं है और बीते कुछ समय में वह किसी भी संक्रमित शख्‍स के संपर्क में नहीं आए हैं। हालांकि इस घोषणा-पत्र से छात्रों को इसे लेकर भ्रमित होने की जरूरत नहीं है कि उन्‍हें कोरोना टेस्‍ट की रिपोर्ट या मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट प्रस्‍तुत करना है। इसे सिर्फ सेल्‍फ-डिक्‍लेयरेशन में देना है।

बुखार अधिक होने पर क्‍या करेंगे छात्र?

अब सवाल है कि परीक्षा केंद्र पहुंचने पर थर्मल जांच से अगर पता चलता है कि किसी छात्र के शरीर का तापमान सामान्‍य से अधिक है तो क्‍या वह परीक्षा दे सकता है या उसे वापस भेज दिया जाएगा? इस बारे में एनटीए के दिशा-निर्देश में साफ कहा गया है कि अगर किसी छात्र के शरीर का तापमान सामान्‍य से अधिक यानी 99.4 डिग्री फॉरेनहाइट से अधिक होता है तो उन्‍हें एक अलग कमरे में बिठाया जाएगा। कुछ देर बाद भी अगर उसके शरीर का तापमान सामान्‍य नहीं होता है तो उसे आइसोलेशन रूम में परीक्षा देने की अनुमति दी जाएगी।

छात्रों से यह भी कहा गया है कि वे कंटेनमेंट जोन से आते हैं या नहीं अथवा कहीं बाहर से आने पर उन्‍होंने क्‍वारंटीन में बिाए जाने वाले समय की अवधि पूरी की है या नहीं, इसकी पूर्व जानकारी परीक्षा केंद्र को दें ताकि उनकी सुरक्षा को ध्‍यान में रखते हुए वहां अलग इंतजाम किए जा सकें। हालांकि यहां गौर करने वाली बात है कि कंटेनमेंट जोन से आने वाले बहुत से छात्र कोरोना संक्रमण को लेकर एसिम्प्टमैटिक हो सकते हैं यानी संभव है कि उनमें कोविड-19 का कोई लक्षण न हो, पर उनसे संक्रमण फैलने का खतरा हो सकता है। ऐसे में सेल्‍फ-डिक्‍लेयरेशन और भी जरूरी हो जाता है।

फेस मास्‍क लगाना कितना जरूरी?

बहरहाल, इन परीक्षाओं में शामिल होने वाले छात्रों को अनिवार्य रूप से फेस मास्क लगाने और हाथ में दस्ताने पहनने को भी कहा गया है। परीक्षा केंद्र पर उन्‍हें नया मास्‍क दिया जाएगा और पुराना उतारकर उन्‍हें इसे पहनना होगा। इसके अतिरिक्‍त कक्ष में दाखिल होने से पहले उन्‍हें अपना हाथ अच्‍छी तरह से साबुन व पानी या सैंनिटाइजर से हाथ साफ करना होगा। छात्रों को पानी की अपनी अलग बोतल और हैंड सेनिटाइजर भी परीक्षा केंद्र पर ले जाने के निर्देश दिए गए हैं।

परीक्षा केंद्र पर सोशल डिस्‍टेंसिंग का अनुपालन भी छात्रों को करना होगा, जिसकी विस्‍तृत जानकारी उनके एडमिट कार्ड पर होगी। परीक्षा हॉल में दाखिल होने के दौरान उन्‍हें 6 फीट की दूरी का पालन करना होगा, जबकि भीतर निर्धारित दूरी के साथ उनके बैठने की व्‍यवस्‍था होगी। परीक्षा समाप्‍त होने के बाद निकलने के दौरान छात्रों को अपने मास्‍क और दस्‍ताने यहीं नष्‍ट कर देने होंगे। परीक्षा हॉल से निकलने के दौरान इसका खास ख्‍याल रखने की जरूरत है कि वहां किसी तरह की भीड़ एकत्र न हो।

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