IIMC hostel issue: परीक्षा खत्म होने तक छात्रावास में रह सकेंगे छात्र, दिल्ली हाईकोर्ट को IIMC ने दिया भरोसा

एजुकेशन
भाषा
Updated Jun 16, 2020 | 07:29 IST

Delhi High Court on IIMC hostel: भारतीय जनसंचार संस्थान ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि छात्रावास में रहने वालों छात्रों के एग्जाम खत्म होने तक रहने दिया जाएगा।

IIMC hostel issue: परीक्षा खत्म होने तक छात्रावास में रह सकेंगे छात्र, दिल्ली हाईकोर्ट को IIMC ने दिया भरोसा
छात्रों के सामने थी मुश्किल 
मुख्य बातें
  • परीक्षा खत्म होने तक आईआईएमसी के छात्रावास में रह सकेंगे छात्र, पहले खाली करने का था फरमान
  • दिल्ली हाईकोर्ट में इसके खिलाफ लगाई याचिका, याचिका के जवाब में आईआईएमसी ने अदालत को दिया भरोसा
  • जो छात्र इस समय छात्रावास में नहीं है वो नहीं उठा पाएंगे रहने का फायदा

नयी दिल्ली। भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) ने सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि वर्तमान में छात्रावास में रहने वाले छात्रों को इस वर्ष उनकी परीक्षा खत्म होने तक यह सुविधा दी जाएगी।संस्थान का यह बयान विभिन्न छात्रों द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवायी के दौरान आया, जिसमें 26 मई के एक आदेश को रद्द करने की मांग की गई थी। इस आदेश में छात्रावास में रहने वाले सभी छात्रों को परिसर तुरंत खाली करने का निर्देश दिया गया था।आईआईएमसी ने हालांकि, कहा कि नोटिस उन छात्रों के लिए प्रभावी रहेगा जो पहले से ही छात्रावास खाली कर चुके हैं।

दिल्ली हाईकोर्ट में हुई थी सुनवाई
न्यायमूर्ति नवीन चावला ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से मामले की सुनवाई की, जिस दौरान उन्होंने आईआईएमसी की ओर से पेश वकील का बयान दर्ज किया और कहा कि संस्थान अपने आदेश के पालन के लिए बाध्य है।न्यायमूर्ति चावला ने कहा, ‘‘उपरोक्त बयान को दर्ज करने और प्रतिवादी संख्या एक (आईआईएमसी) को उसी बयान के प्रति बाध्य रहने के आदेश के साथ याचिका का निपटारा किया जाता है।



26 मई को छात्रावास को खाली करने का था निर्देश
उच्च न्यायालय आईआईएमसी के पांच छात्रों की याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें उन्होंने संस्थान द्वारा 26 मई को जारी उस आदेश को रद्द करने की मांग की थी, जिसमें छात्रावास में रहने वाले सभी छात्रों को निर्देश दिया गया था कि वे तीन जून तक परिसर खाली कर दें, बावजूद इसके कि परीक्षाएं शुरू होने वाली हैं।इससे पहले 8 जून को उच्च न्यायालय ने संस्थान के अधिकारियों को निर्देश दिया था कि वे 26 मई के आदेश का पालन न करने पर 15 जून तक छात्रों के खिलाफ कार्रवाई न करें।

अधिवक्ता अनुराग ओझा, शिवम मल्होत्रा और मनीष कुमार के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया कि डिप्लोमा कोर्स के लिए परीक्षाएं अभी शुरू होनी हैं और ऐसे में कानूनी रूप से यह नोटिस सही नहीं है।याचिकाकर्ताओं के अनुसार, उन्होंने संस्थान के स्नातकोत्तर डिप्लोमा कोर्स में दाखिला लिया है और डॉ आंबेडकर छात्रावास में रहते हैं।

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