Importance of vocational courses 
मुख्य बातें
- वोकेशनल कोर्स करने से करियर के चयन में आसानी होती है
- जॉब के दौरान ये वोकेशनल कोर्स का एक्सपिरियंस काम आता है
- कार्य कुशलता के चलते आसानी से नौकरी भी मिल जाती है
अपने स्किल्स को इम्प्रूव करने और मौजूदा समय बढ़ते कॉप्टिशन्स को देखते हुए हर स्टूडेंट्स को कोई न कोई वोकेशनल कोर्स जरूर करना चाहिए। इन कोर्स को करने से न केवल आपके स्किल डवलप होंगे, बल्कि इससे फ्यूचर की राह भी आसान होगी। वोकेशल कोर्स का बहुत महत्व होता है और मजाहत्व के समझने के बाद ही आप जान सकेंगें की ये कोर्स क्यों धीरे-धीरे जरूरत बनते जा रहे हैं। तो आइए सबसे पहले ये जानें की वोकेशन कोर्स क्या है और इसकी जरूरत क्यों है। साथ ही ये भी जानें की दसवीं के बाद किन-किन चीजों में वोकेशनल कोर्स किया जा सकता है।
वोकेशनल कोर्स के फायदे
1. इंडस्ट्री स्पेसिफिक कोर्स करने से आपको हॉस्पिटैलिटी, हेल्थ केयर, ऑटो मोबाइल्स, एनीमेशन, फैशन तथा टेक्सटाइल आदि से जुड़े सेक्टर में नौकरी मिलना आसान हो जाएगा।
2. करियर ग्रोथ के लिए वोकेशनल कोर्स काफी मददगार साबित होते हैं।
3. वोकेशनल एजुकेशन और ट्रेनिंग के दौरान स्टूटेंड्स को केवल प्रोफेशनल हेल्प ही नहीं बल्कि इससे प्रोफेशनल एथिक्स का भी ज्ञान होता है।
4. जब आप किसी चीज में प्रोफेशनली स्किल होते हैं तो कंपनी भी आपको आसानी से जॉब पर रख लेती है और आपको अच्छी सेलेरी भी मिलती है।.
5. कम समय में आप कई कोर्स कर अपने सीवी को ज्यादा हेवी बना सकते हैं। 3 महीने या 6 महीने की अवधि के वोकेशनल कोर्स से आपकी योग्यता कई फील्ड में बढ़ती है इससे आपको आगे अपने करियर चुनाव में आसानी होती है।
List of Vocational / Diploma Courses After 10th:
हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट कोर्सेज में हैं वोकेशनल कोर्स के बाद जॉब के ज्यादा चांसेज
- डिप्लोमा इन फ़ूड एंड बेवरेज सर्विस
- डिप्लोमा इन बेकरी एंड कंफेक्शनरी
- डिप्लोमा इन क्राफ्ट कोर्सइन फ़ूड प्रोडक्शन
- डिप्लोमा इन कुकरी
- डिप्लोमा इन हाउस कीपिंग
- डिप्लोमा इन हाउस कीपिंग
- डिप्लोमा इन रेस्टोरेंट एंड काउंटर सर्विस
- डिप्लोमा इन होटल रिसेप्शन एंड बुक कीपिंग
- होटल एंड हॉस्पिटैलिटी ऑपरेशन मैनेजमेंट
इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी में पाठ्यक्रमों के डिग्री कक्षा 10वीं के बाद:
- डिप्लोमा इन आर्किटेक्चरल असिस्टेंटशिप
- डिप्लोमा इन ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग
- डिप्लोमा इन केमिकल इंजीनियरिंग
- डिप्लोमा इन सिविल इंजीनियरिंग
- डिप्लोमा इन कंप्यूटर इंजीनियरिंग
- डिप्लोमा इन कंप्यूटर साइंसएंड इंजीनियरिंग
- डिप्लोमा इन इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग
- डिप्लोमा इन इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग
- डिप्लोमा इन इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग
- डिप्लोमा इन इलेक्ट्रॉनिक्स (माइक्रोप्रोसेसर)
- डिप्लोमा इन इलेक्ट्रॉनिक्स एंड टेलीकम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग
- डिप्लोमा इन फैशन डिज़ाइन
- डिप्लोमा इन फ़ूड टेक्नोलॉजी
- डिप्लोमा इन गारमेंट टेक्नोलॉजी
- डिप्लोमा इन इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी
- डिप्लोमा इन इंस्ट्रूमेंटेशन टेक्नोलॉजी
- डिप्लोमा इन इंटीरियर डिजाईन एंड डेकोरेशन
- डिप्लोमा इन लेदर टेक्नोलॉजी
- डिप्लोमा इन लेदर टेक्नोलॉजी (फुटवियर)
- डिप्लोमा इन लाइब्रेरी एंड इनफार्मेशन साइंस
- डिप्लोमा इन लेदर टेक्नोलॉजी
- डिप्लोमा इन मैकेनिकल इंजीनियरिंग
- डिप्लोमा इन मैकेनिकल इंजीनियरिंग (रेफ्रिजरेशन एंड एयर कंडिशनिंग)
- डिप्लोमा इन मैकेनिकल इंजीनियरिंग (टूल एंड डाई)
- डिप्लोमा इन मरीन इंजीनियरिंग
- डिप्लोमा इन मेडिकल लेबोरेटरी टेक्नोलॉजी
- डिप्लोमा इन प्लास्टिक टेक्नोलॉजी
- डिप्लोमा इन प्रोडक्शन एंड इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी
- डिप्लोमा इन टेक्सटाइल प्रोसेसिंग
- टेक्सटाइल डिजाइनिंग
- फैशन डिजाइनिंग
- हेयर एंड स्किन केयर
- ब्यूटिशियन
- इवेंट मैनेजमेंट
- ऑफिस मैनेजमेंट
- हॉस्पिटल एंड हेल्थ केयर मैनेजमेंट (नर्सिंग)
- इंग्लिश कम्युनिकेशन एंड प्रेजेंटेशन स्किल्स
- कास्मेटिक एंड लाइफस्टाइल प्रोडक्ट डिजाइनिंग
- कैटरिंग मैनेजमेंट
इन तमाम वोकेशनल कोर्स को आप दसवीं के बाद कभी भी कर सकते हैं। फॉर्मल एजुकेशन पूरी न होने पर ये आपको आगे बढ़ने का पूरा मौका देते हैं।