बिहार के रहने वाले अमृत राज जिंदगी की तमाम चुनौतियों को मात देकर प्रोफेसर बने हैं। उन्होंने साल 2019 में जेआरएफ की परीक्षा को पास की हैं। अमृत पहली बार इसकी परीक्षा साल 2017 में दी थी, लेकिन सफलता हासिल नहीं हुई। अमृत के मुताबिक परेशानियां किसी को कमजोर नहीं मजबूत बनाती हैं। बता दें कि अमृत राज की कहानी से लोगों को बताती है कि मुश्किलें लाख आए लेकिन हार नहीं मानना चाहिए।
अमृत राज भले ही साल 2019 में सफलता हासिल कर ली हो, लेकिन इससे पहले वो तीन बार असफल हो चुके थे। पहली बार असफल होने के बाद उन्होंने दूसरी बार परीक्षा देने के लिए तैयारी शुरू कर दी थी। परीक्षा के कुछ दिन पहले पता चला कि उन्हें डेंगू हो गया है। इसके बावजूद भी अमृत तेज बुखार में परीक्षा देने गए, लेकिन सफल नहीं हो पाए। इसके बाद हद तो तब हो गई जब उन्हें तीसरे प्रयास में भी असफलता हासिल हुई। उन दिनों अमृत काफी बीमार चल रहे थे, इलाज के दौरान डॉक्टर ने उन्हें बताया कि उनकी हालत काफी खराब है।
डॉक्टरों ने उन्हें बताया कि तुम्हारी हालत को देखते हुए लग रहा है कि तुम्हें बल्ड कैंसर है। लेकिन अमृत को भरोसा नहीं था,डॉक्टरों ने ये बात अमृत के मामा को बताया कि उसे ब्लड कैंसर हो सकता है। इस खबर को सुनने के बाद अमृत के मामा काफी परेशान हो गए थे।
इस बारे में काफी जांच-पड़ताल के बाद पता चला कि अमृत को टीबी हो गया है। जिसके बाद उनका इलाज लगातार चलता रहा। बता दें कि अमृत के माता-पिता दोनों ही मजदूर थे, ऐसे में उन्होंने बच्चों को पढ़ाने के लिए काफी मेहनत की। यही नहीं खुद अमृत भी जब घर होते थे तो अपने माता-पिता के साथ मजदूरी का काम करते थे।
अमृत के मुताबिक गांव में पढ़ाई का माहौल नहीं था, ऐसे में मामा मुझे साथ में अपने घर ले आए। वहां से मैंन अपनी प्राइमरी शिक्षा हासिल की। अमृत राज पटना कॉलेज से इतिहास में स्नातक किया है। इस दौरान उन्होंने नेट जेआरएफ की तैयारी शुरू की। कॉलेज के दिनों प्रोफेसर के सही मार्गदर्शन से उन्होंने फैसला किया कि वो भी बच्चों को पढ़ाएंगे। ऐसे में उन्होंने फैसला किया कि नेट या जेआरएफ की तैयारी शुरू करेंगे।
अमृत के मुताबिक तैयारी के दिनों में मुश्किलें कम नहीं हो रही थी। परिस्थिती ऐसी हो गई कि मेरी असफलता को देख लोग मुझे ताने मारने लगे थे। लेकिन अमृत ने हर परिस्थिती में खुद को मोटिवेट रखा। उन्होंने तय किया कि वो साल 2019 तक ना सिर्फ टीबी की बीमारी से मुक्त होंगे बल्कि जेआरएफ में भी सफलता हासिल करके रहेंगे। ऐसे में उन्होंने साल 2019 में सफलता हासिल की।