नई दिल्ली। ओ. पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी (जेजीयू) को क्यूएस वल्र्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2021 में भारत के शीर्ष निजी विश्वविद्यालय के तौर पर स्थान मिला है।यह रैंकिंग बुधवार को जारी की गई, जिसमें पिछले साल 24 विश्वविद्यालयों की तुलना में इस बार भारत के कुल 21 विश्वविद्यालय दुनिया के शीर्ष 1,000 में शामिल रहे।इस वर्ष भारत के तीन संस्थानों इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी बॉम्बे (आईआईटी बॉम्बे), बेंगलुरू स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (आईआईएससी) और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी दिल्ली (आईआईटी दिल्ली) को दुनिया के टॉप 200 संस्थानों में जगह मिली है।
ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी को खास कामयाबी
पिछले वर्ष 751-800 बैंड से इस वर्ष संभावित 100 रैंकिंग की छलांग के साथ 651-700 बैंड के साथ, जेजीयू एकमात्र इंस्टीट्यूशन ऑफ एमिनेंस (आईओई) है, जिसने पिछले साल की रैंकिंग की तुलना में क्यूएस वल्र्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2021 में काफी ऊपर तक छलांग लगाने में सफलता हासिल की है।जेजीयू के चांसलर नवीन जिंदल ने एक बयान में कहा, जेजीयू को भारत और दुनिया में शैक्षिक उत्कृष्टता को बढ़ावा देने में अग्रणी रूप से देखना मेरे लिए एक अविश्वसनीय गर्व का क्षण है।
क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग को अंतरराष्ट्रीय मान्यता
भारत सरकार द्वारा चुने गए 20 आईओई में से केवल 13 को क्यूएस वल्र्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2021 में जगह मिली है। इनमें चार आईआईटी, आईआईएससी, दिल्ली विश्वविद्यालय, अन्ना विश्वविद्यालय, हैदराबाद विश्वविद्यालय, एमएएचई (मणिपाल एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन), अमृता विश्व विद्यापीठम, बीएचयू (बनारस हिंदू विश्वविद्यालय), जादवपुर विश्वविद्यालय और ओ. पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी शामिल हैं।
पिछले साल की क्यूएस वल्र्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2020 की तुलना में इस साल जेजीयू सबसे कम अवधि में सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाला आईओई रहा है।जेजीयू के संस्थापक कुलपति सी. राज कुमार ने कहा, हमारा निरंतर प्रयास हमारे शिक्षण, सीखने के परिणामों, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और गुणवत्ता को और मजबूत करना होगा।
चयनित विश्वविद्यालयों को सम्मानित करेंगे मानव विकास संशाधन मंत्री
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक बुधवार को क्यूएस वल्र्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2021 में जगह बनाने वाले भारतीय संस्थानों को एक कार्यक्रम के दौरान प्रमाण पत्र प्रदान करेंगे। वह इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होंगे।इसके अलावा इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अध्यक्ष प्रोफेसर डी. पी. सिंह, राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (एनएएसी) के अध्यक्ष प्रोफेसर वी. एस. चौहान भी शामिल होंगे।