शिक्षा के डिजटलीकरण पर PM मोदी का जोर, एजुकेशन को 21वीं सदी के अनुरूप बनाने की अपील

Digital University : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि हमारा पूरा जोर अपनी शिक्षा व्यवस्था को 21वीं सदी के अनुरूप बनाने पर होना चाहिए। उन्होंने शिक्षा क्षेत्र के विशेषज्ञों से अपील की है कि वे बजट के लक्ष्यों को लागू करने की दिशा में तेजी से काम करें।

PM Modi's emphasis on digitization of education, appeals to make education in line with 21st century
हमारी शिक्षा 21वीं सदी के अनुरूप होनी चाहिए। 
मुख्य बातें
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिक्षा के डिजटलीकरण पर दिया जोर
  • पीएम ने कहा कि हमारी शिक्षा 21वीं सदी के अनुरूप होनी चाहिए
  • 'बजट-2022 के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए तेजी से काम करें विशेषज्ञ'

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि भारत की शिक्षा व्यवस्था को 21वीं सदी के अनुरूप बनाना है। पीएम ने कहा कि बजट 2022 में शिक्षा क्षेत्र से जुड़ी पांच चीजों पर जोर दिया गया है। इन पांच चीजों को धरातल पर उतारने के लिए विषय विशेषज्ञों को तेजी से काम करना होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें बिना समय गंवाएं डिजिटल यूनिवर्सिटी पर काम शुरू कर देना चाहिए। हमारी प्रथामिकता स्मार्ट क्लास, एनीमेशन द्वारा गुणवत्तापरक एवं अच्छी शिक्षा उपलब्ध कराने पर होना चाहिए। पीएम ने कहा कि अच्छी शिक्षा के अभाव में हमारे छात्र दूसरे देश जाते हैं, इस कमी को ध्यान में रखते हुए विशेषज्ञों को काम करना होगा। 

यूनियन बजट 2022 में शिक्षा पर जोर-पीएम
शिक्षा और कौशल विकास पर वेबिनार के जरिए शिक्षा जगत के विशेषज्ञों को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि यूनियन बजट 2022 में शिक्षा के स्तर में सुधार एवं विस्तार के लिए कई उपाय किए गए हैं। बजट में दिए गए लक्ष्यों को पूरा करने के लिए तेजी से कदम उठाने की जरूरत है। पीएम ने कहा कि बजट में शिक्षा को लेकर पांच चीजों पर जोर दिया गया है। इसमें पहला है कि एक समान रूप से गुणपत्तापरक शिक्षा उपलब्ध कराना, दूसरा है कौशल विकास, तीसरा है शहरी योजना एवं डिजाइन, चौथा देश में विश्व स्तरीय विवि तैयार करना और पांचवा है 'एनमेशन विजुअल इफेक्ट्स गेमिंग कॉमिक'। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी युवा पीढ़ी भविष्य में देश की अगुवाई करने वाली है। ऐसे में युवी पीढ़ी को सशक्त बनाना देश के भविष्य को मजबूत बनाना है। 

'हमने डिजिटल कनेक्टिविटी पर जोर दिया'
पीएम ने कहा कि कोरोना महामारी की शुरुआत होने से पहले हमारी सरकार गांवों एवं छोटे शहरों में डिजिटल कनेक्टिविटी पर जोर दिया। गांवों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ा गया। इस पर कुछ लोगों ने सवाल उठाए और पूछा कि इसकी जरूरत क्या है? महामारी के समय में हमारे प्रयासों को सबने देखा। महामारी के समय डिजिटल कनेक्टिविटी ने हमारी शिक्षा व्यवस्था को बचाया। पीएम ने कहा कि शिक्षा के डिजटलीकरण से नई शिक्षा नीति को जमीन पर पर उतारने में मदद मिलेगी। 

 हमारी शिक्षा का पूरा खाका 21वीं सदी के अनुरूप हो-पीएम
प्रधानमंत्री ने कहा, 'आज विश्व मातृभाषा दिवस भी है। यह बात साबित हो चुकी है कि मातृभाषा में शिक्षा देने से बच्चे ज्यादा तेजी के साथ सीखते हैं। उनका  मानसिक विकास तेज होता है। कई राज्यों में तकनीकी क्षेत्र की पढ़ाई मातृभाषा में शुरू हो चुकी है। भारतीय भाषाओं को टेलिविजन, मोबाइल और रेडियो पर उपलब्ध कराने के दिशा में विशेषज्ञों को ध्यान देना चाहिए। पीएम ने कहा कि एआईसीटीई से अपेक्षा है कि वह भारतीय भाषाओं का डिजिटलीकरण करने की दिशा में कार्य करे। इससे 'आत्मनिर्भर भारत' के सपने को साकार करने में मदद मिलेगी। हम सभी के साझा प्रयासों से बजट में तय लक्ष्य जल्द पूरा हो सकते हैं। हमारी कोशिश होनी चाहिए कि हमारी शिक्षा का पूरा खाका 21वीं सदी के अनुरूप हो। 

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