जयपुर: रीट अध्यापक पात्रता परीक्षा (Reet Teacher Eligibility Test) का आयोजन 26 सितम्बर को 31 हजार पदों पर हुआ था। साल 2018 में सरकार ने रीट अध्यापक पात्रता परीक्षा की घोषणा की थी लेकिन कोरोना काल में परीक्षा की तिथि चार बार स्थगित की हुई और आखिरकार 26 सितम्बर 2021 को बड़ी परीक्षा का आयोजन हुआ, लेकिन जिस समय पर इस परीक्षा की घोषणा की गई थी तब तो शिक्षा विभाग में 31 हजार पदों पर भर्ती की घोषणा को पर्याप्त माना था, लेकिन जैसे जैसे समय निकलता गया लेवल-1 और लेवल-2 में और ज्यादा शिक्षक सेवानिवृत्त हो गए हैं।
मौजूदा समय में करीब 70 हजार से ज्यादा पदों पर भर्ती की गुंजाइश है। ऐसे में परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों ने रीट अध्यापक पात्रता परीक्षा (REET Exam) में पदों की संख्या को 31 हजार से बढ़ाने और 50 हजार करने की मांग की है और यह मांग आंदोलन की मदद से लगातार तेज भी हो रही है।
पिछले कुछ दिनों में लगातार बीएसटीसी और बीएड अभ्यर्थी पदों की संख्या बढ़ाने को लेकर मांग कर रहे थे और अपनी मांग को लेकर अब शहीद स्मारक पर उन्होंने धरना भी करना शुरू कर दिया है।
परीक्षा में शामिल हुए अभ्यर्थियों का कहना है, 'प्रदेश सरकार की ओर से बेहतर शिक्षा के लिए कदम उठ रहे हैं और इसी कड़ी में 31 हजार पदों पर परीक्षा का आयोजन हुआ था, लेकिन इस समय सैंकड़ों ऐसे स्कूल भी हैं जहां पर खाली पदों की संख्या बहुत ज्यादा हो गई है।
साथ ही परीक्षा देने के इच्छुक छात्रों का तर्क यह भी है कि अगर पदों की संख्या 31 हजार से बढ़ाकर 50 हजार होती है, तो इससे कहीं ना कहीं शिक्षा की गुणवत्ता भी बच्चों के लिए बढ़ेगी। इसके अलावा परीक्षा में करीब 12 लाख से ज्यादा परीक्षार्थी शामिल हुए, जिससे करीब 19 हजार अधिक बेरोजगारों को नौकरी मिलेगी।'