Indian Students in Ukraine: यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों का भारत आने का सिलसिला जारी है। 28 फरवरी तक ऑपरेशन गंगा के जरिए 1374 भारतीय वापस आ चुके हैं। और यूक्रेन में बचे बाकी भारतीयों को वापस लाने की कोशिशें जारी हैं। युद्ध से पहले करीब 18 हजार भारतीय छात्र-छात्राएं वहां मौजूद थे। इस बीच खारकीव में कर्नाटक के नवीन शेखरप्पा (Naveen Shekhrappa) की गोलीबारी के दौरान मौत हो गई। नवीन खारकीव में मेडिकल की पढ़ाने के लिए यूक्रेन गए थे। नवीन यूक्रेन में MBBS चौथे वर्ष की पढ़ाई कर रहे थे।
हर साल सैकड़ों छात्र जाते हैं यूक्रेन
प्रोलॉग एब्रॉड वेबसाइट से मिली जानकारी के अनुसार यूक्रेन में प्रमुख रूप से 18 मेडिकल विश्वविद्यालय है। जहां पर भारतीय छात्र एडमिशन लेते हैं। यहां पर छह साल के एमबीबीएस की कोर्स के लिए 20-25 लाख रुपये तक फीस देनी पड़ती है। हालांकि यूक्रेन सहित दूसरे देश से एमबीबीएस करने वाले छात्रों के लिए भारत में प्रैक्टिस करने के लिए परीक्षा पास करना जरूरी होता है। 18 नवंबर 2021 से पहले तक विदेश से एमबीबीएस की डिग्री लेने वाले छात्रों को भारत आकर स्क्रीनिंग टेस्ट रेग्युलेशन,2002 (Screen Test Regulation) के तहत FMGE की परीक्षा पास करनी होती थी। जो कि साल में दो बार आयोजित किया जाता था। और सफल होने के लिए कम से कम 50 फीसदी अंक हासिल करना जरूरी है।
2022 और 23 से होगी नई परीक्षा ?
लेकिन 18 नवंबर 2021 से नए नियम लागू कर दिए गए हैं। इसके तहत अब नए नियमों के आधार पर आयोजित NEXT परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी। नए नियम किन छात्रों पर लागू होंगे। इसके विस्तृत नियम जानने के लिए इस लिंक पर क्लिक किया जा सकता है ।
NEXT परीक्षा कब आयोजित होगी, इस पर जुलाई में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया की अध्यक्षता में नेशनल मेडिकल काउंसिल (NMC)की एक बैठक हुई थी। जिसमें यह तय किया गया था कि 2023 की पहली छमाही में नेशनल एग्जिट टेस्ट (एनईएक्सटी) आयोजित कराया जाय। इसके पहले मेडिकल छात्रों के बीच परीक्षा की घबराहट को दूर करने के लिए 2022 में एक मॉक रन करने की भी योजना है।
विदेश में एडमिशन पर सरकार का नया निर्देश
इस बीच सरकार ने विदेश में MBBSकी पढ़ाई की प्लानिंग कर रहे बच्चों के लिए नई एडवाइजरी जारी की है। विदेश मंत्रालाय द्वारा 18 फरवरी 2022 को जारी एडवाइजरी के अनुसार में कहा है कि ऐसे जानकारी सामने आई है कि किर्गिस्तान में पिछले एक साल में कई मेडिकल विश्वविद्यालय खुले हैं। जिसमें 200 के करीब भारतीय छात्रों ने एडमिशन लिया है। जबिक इन संस्थाओं में एक भी किर्गिज छात्र ने एडमिशन नहीं लिया है। छात्र-छात्राओं के लिए जरूरी है कि वह किसी भी देश में MBBS की पढ़ाई के लिए एडमिशन लेने से पहले नेशनल मेडिकल कमीशन के एफएमजीई रेग्युलेशन 2021 के नियमों का जरूर ध्यान दें। पूरी एडवाइजरी को इस लिंक पर पढ़ा जा सकता है।