UP Board: सफिया की हिम्मत को सलाम,ऑक्सिजन सिलिंडर के साथ दी 10 वीं की परीक्षा, हासिल किए 69 % मार्क्स

एजुकेशन
रवि वैश्य
Updated Jun 29, 2020 | 12:24 IST

UP Board 10th Examination with Oxygen Cylinder: यूपी के बरेली की रहने वाली एक लड़की ने बीमारी में हिम्मत की मिसाल कायम करते हुए, ऑक्सीजन सिंलेंडर लगाकर 10वीं के एक्जाम दिए और फर्स्ट डिवीजन हासिल की।

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बरेली की रहने वाली सफिया पिछले करीब पांच साल से टीबी नाम की बीमारी से बहादुरी के साथ जंग लड़ रही हैं 

बरेली: कहते हैं कि जिन्हें पढ़ने की और आगे बढ़ने की चाह होती है उनके रास्ते में कितनी भी बड़ी बाधा क्यों ना आ जाए वो सबको पछाड़कर आगे बढ़ते रहते हैं और अपनी मंजिल हासिल कर ही लेते हैं, जी हां ये बात बरेली (Bareilly) की एक लड़की सफिया जावेद (Safia Javed) पर लागू होती है जिसने अपनी बीमारी के चलते ऑक्सीजन सिलेंडर लगाकर यूपी बोर्ड हाईस्कूल परीक्षा (UP Board High Scool Exam) बेहद खराब तबियत के बाद भी दी और अब रिजल्ट आने पर पता लगा कि उसने 69 % मार्क्स के साथ फर्स्ट डिविजन में एक्जाम पास किया है, इसमें सबसे ज्यादा नंबर 82 कला में, अंग्रेजी में 77 वहीं सामाजिक विज्ञान में 68 मार्क्स हासिल किए हैं, अपनी इस सफलता पर सफिया बेहद खुश हैं और उनके घरवाले भी खुशी से फूले नहीं समा रहे आखिर उनकी बेटी ने उनका नाम जो रोशन किया है।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के बरेली (Bareilly) की रहने वाली सफिया पिछले करीब पांच साल से टीबी नाम की बीमारी से बहादुरी और हौंसले साथ जंग लड़ रही हैं और अपनी इस तकलीफ की वजह से सफिया को हमेशा ऑक्सिजन सिलिंडर के साथ रहना पड़ता है,सफिया का इलाज कर रहे डॉक्टरों ने छात्रा को चौबीसों घंटे ऑक्सीजन पर रहने की सलाह दी है चाहें वो कहीं भी हों,लेकिन इतनी तकलीफों के बाद भी सफिया ने हार नहीं मानी और इसी के बलबूते उन्होंने हाईस्कूल के एक्जाम भी दिए।

सफिया के दो भाई बहन और हैं और वो इन सबमें बड़ी है,सफिया के पिता सरवर जावेद नोएडा में प्राइवेट जॉब करते हैं और उन्होंने अपनी बेटी के जज्बे को देखते हुए उसके हाईस्कूल के एक्जाम को देखते हुए नौकरी से छुट्टी ली और उसके एक्जाम दिलाए और सफिया ने भी हिम्मत के साथ अपनी पढ़ाई करते हुए परीक्षा दी और अब जब रिजल्ट आया तो हर कोई हैरान हो गया।

ऑक्सीजन सिलेंडर के सहारे 3 घंटे एक्जाम कैसे दे पाएगी? 

सफिया ने हाईस्कूल परीक्षा का प्राइवेट फॉर्म भरा था तब जब परीक्षा देने का समय आया तो उसकी हिम्मत जवाब दे रही थी कि ऑक्सीजन सिलेंडर के सहारे 3 घंटे एक्जाम कैसे दे पाएगी? लेकिन घरवालों का साथ मिला तो सफिया की हिम्मत बढ़ी और उसने  ऑक्सीजन सिलेंडर के सहारे ही परीक्षा देने की ठानी, घर वालों ने उसकी बीमारी का हवाला देकर एप्लीकेशन देकर सफिया जावेद को परीक्षा कक्ष में ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ बैठने की अनुमति कॉलेज प्रशासन से ली थी।

जहां पिता ने अपनी बेटी सफिया के लिए हर संभव कोशिशें की वहीं बेटी सफिया ने भी उन्हें निराश नहीं किया और उनका नाम रोशन कर दिया है, सफिया कहती हैं-मेरे माता-पिता ने मुझे बहुत सपोर्ट किया, उन्होंने मुझ पर हमेशा विश्वास किया और मैं बेहद खुश हूं कि मैंने अपने माता-पिता की उम्मीदें पूरी कीं।'

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