MP Board 12th Paper Leak: क्या सच में परीक्षा से पहले लीक हुआ एमपी बोर्ड अंग्रेजी का पेपर?

MP Board Exam 12th English Paper Leak Fact Check: पहली परीक्षा अंग्रेजी विषय के लिए थी। कल रात, मध्य प्रदेश बोर्ड कक्षा 12 वीं का अंग्रेजी का पेपर कथित तौर पर लीक हो गया था और यह सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। हालांकि, जांच के बाद वायरल पेपर फर्जी निकला।

MP Board Exams 2022
मध्य प्रदेश बोर्ड परीक्षा 2022 (Pic - iStock) 
मुख्य बातें
  • मध्य प्रदेश में चल रहीं कोविड प्रोटोकॉल के साथ बोर्ड परीक्षाएं
  • परीक्षा से पहले अंग्रेजी विषय का पेपर लीक का हुआ दावा
  • सोशल मीडिया पर वायरल हुआ प्रश्न पत्र निकला फर्जी

भोपाल: मध्य प्रदेश बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (एमपीबीएसई) ने 17 फरवरी से 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं शुरू कर दी हैं। पहली परीक्षा अंग्रेजी विषय की थी। कल रात, मध्य प्रदेश बोर्ड कक्षा 12 वीं का अंग्रेजी का पेपर कथित तौर पर लीक होने की बात सामने आई थी और यह सोशल मीडिया पर वायरल भी हुआ था। जांच के बाद वायरल पेपर फर्जी निकला।

इस बीच पूरी सुरक्षा के साथ कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए कक्षा 12वीं एमपी बोर्ड एग्जाम आयोजित किए जा रहे हैं। सभी छात्रों को परीक्षा समय से एक घंटे पहले बुलाकर सुरक्षित व समय पर बैठने की व्यवस्था करने के लिए कहा गया था। परीक्षा के लिए जिले भर में 95 केंद्र बनाए गए थे, जिनमें से 41 'संवेदनशील' और 6 'बेहद संवेदनशील' केंद्र हैं।

एक रिपोर्ट के अनुसार सभी परीक्षा केंद्रों पर प्रवेश देते समय परीक्षार्थियों के शरीर का तापमान थर्मल स्क्रीनिंग से मापा जा रहा है और उनके मास्क की जांच की जा रही है। उन छात्र के लिए भी विशेष व्यवस्था हो रही है जो कोविड-19 पॉजिटिव रहे हैं। उनकी सुविधा और दूसरों की सुरक्षा के लिए केंद्रों पर उनके लिए आइसोलेशन रूम बनाए गए थे।

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सीसीटीवी कैमरे से भी छात्रों पर नजर रखी जा रही थी। परीक्षा में नकल रोकने के लिए कुल 16 उड़न दस्तों को तैनात किया गया है। इनमें से आठ उड़नदस्ते जिला प्रशासन द्वारा और आठ स्कूली शिक्षा विभाग द्वारा तैनात किए गए हैं। उड़न दस्तों ने भी संवेदनशील व संवेदनशील केंद्रों पर विशेष निगरानी रखी।

अगर पेपर लीक की सोशल मीडिया अफवाह की बात करें तो बोर्ड परीक्षा से पहले कथित पेपर लीक पर प्रशासन की ओर से कोई बयान जारी नहीं किया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार लीक हुआ पेपर फर्जी था और छात्रों को गुमराह करने के लिए वायरल किया गया था।

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