सीबीएसई की 12वीं की परीक्षा रद्द किए जाने के बाद छात्रों और अभिभावकों में इस बात को लेकर मंथन था कि मार्किंग या मुल्यांकन का तरीका क्या होगा। सुप्रीम कोर्ट के सामने इस विषय पर सीबीएसई की तरफ से फार्मूला सुझाया गया कि छात्रों को मार्क्स 30: 30: 40 के आधार पर दिए जाएंगे।इसके साथ ही सीबीएसई ने यह भी कहा कि जो छात्र अपने अंकपत्र से संतुष्ट नहीं होंगे उन्हें हालात सामान्य होने पर परीक्षा का मौका भी दिया जाएगा।
शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक का खास ट्वीट
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट द्वारा सीबीएसई के मार्किंग पैटर्न पर मुहर लगाने पर शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने ट्वीट किया, बारहवीं कक्षा के विद्यार्थियों का परिणाम तैयार करने के लिए की नीति एवं प्रक्रिया को संस्तुति प्रदान करने हेतु भारत के सर्वोच्च न्यायालय का बहुत-बहुत आभार!
अब यहां पर हम आपको बताएंगे 12वीं कक्षा के लिए 30: 30: 40 मार्किंग पैटर्न क्या है- पूरी व्याख्या
अब हम यहां क्लास 10 में पाए गए अंकों के 30 फीसद का मतलब बताएंगे।
क्लास 12 का 40 %
छात्र और अभिभावक को यहां ध्यान देने की जरूरत है कि यह केवल एक संभावित योजना है। ऊपर दिए गए अंक केवल संदर्भ के लिए हैं। साथ ही, कक्षा 12 के लिए मानदंड हर स्कूल में अलग-अलग होंगे। इसके अलावा, एक बार स्कोर की गणना करने के बाद, इसे मॉडरेशन के अधीन किया जाएगा, जैसे कि कक्षा 10 में जहां पिछले तीन वर्षों के स्कूल के परिणाम पर विचार किया जाएगा।