कोरोना वायरस की वजह से उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (यूपी बोर्ड) की परीक्षा कॉपियों के मूल्यांकन का काम भी प्रभावित हो गया है। शिक्षकों को लगभग 3 करोड़ 10 लाख कॉपियां जांचनी है। कोरोना वायरस ने ऐसी दहशत फैलाई कि शिक्षकों ने मूल्यांकन का बहिष्कार कर दिया। बाद में सरकार ने मूल्यांकन का पूरा कार्यक्रम ही स्थगित कर दिया है। यह निर्णय प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने लिया है।
अब सवाल ये है कि समय से अगर कॉपियां नहीं जांची गईं तो परीक्षा परिणाम घोषित करने में काफी देर हो जाएगी। हालांकि उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा का कहना है कि यूपी बोर्ड जल्द मूल्यांकन पूरा करके अप्रैल के अंत तक परिणाम घोषित करने की तैयारी में था।
बता दें कि यूपी बोर्ड की कॉपियों का मूल्यांकन कार्य 16 मार्च से प्रारंभ हुआ था। मूल्यांकन के लिए बनाए गए केन्द्रों पर सेनेटाइजर, लिक्विड हैंडवॉश और टॉवेल का इंतजाम किया गया था। कॉलेज परिसरों में भी साफ-सफाई विशेष रूप से की गई थी। हालांकि कई सेंटर पर हकीकत इससे जुदा नजर आई। यूपी में कोरोना के 13 मामले सामने आए तो मूल्यांकन में लगे शिक्षक भी चिंतित हो गए।
प्रदेश भर में बनाए गए 275 केंद्रों पर 3 करोड़ 9 लाख 61,577 कॉपियों का मूल्यांकन होना था। इनमें करीब 1,46,755 परीक्षकों की ड्यूटी लगाई गई थी। बोर्ड ने 26 मार्च तक मूल्यांकन कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा था लेकिन अब ये संभव नहीं हो पाएगा।