Delhi Schools Reopening: 1 सितंबर से खुलेंगे स्कूल, कॉलेज और कोचिंग इंस्टीट्यूट, DDMA ने जारी की गाइडलाइन

Delhi News: दिल्ली में कोरोना के मामलों में कमी आने के साथ ही लॉकडाउन संबंधी नियमों में भी ढील मिलने लगी है। इस बीच 1 सितंबर से स्कूल, कॉलेज और कोचिंग इंस्टीट्यूट खोलने को लेक डीडीएमए ने एसओपी जारी कर दी है।

Delhi schools, colleges and coaching institute to reopen in phased manner from September 1, DDMA issued guidelines
Delhi: 1 सितंबर से खुलेंगे स्कूल,कॉलेज और कोचिंग इंस्टीट्यूट 
मुख्य बातें
  • बुधवार से चरणबद्ध तरीके से खुलने जा रहे हैं दिल्ली के स्कूल
  • डीडीएमए ने जारी की कोविड गाइडलाइंस
  • अभिभावक नहीं चाहते हैं तो बच्चे को स्कूल आने के लिए नहीं किया जाएगा बाध्य

नई दिल्ली: दिल्ली में रविवार को लगातार चौथे दिन कोविड-19 से कोई मौत नहीं हुई, जबकि 0.04 प्रतिशत की संक्रमण दर के साथ 31 नए मामले सामने आए। कोरोना के मामलों में आ रही कमी के बाद राज्य सरकार ने अब स्कूल, कॉलेज और अन्य शिक्षण संस्थानों (Delhi School Reopening News) को खोलने का फैसला किया है। 1 सितंबर यानि बुधवार से दिल्ली में स्कूल, कॉलेज, कोचिंग संस्थान खुलने जा रहे हैं इसके लिए बकायदा DDMA ने गाइडलाइन जारी कर दी है।  क्लास रूम की सीटिंग क्षमता के अधिकतम 50 फीसदी तक बच्चे एक बार मे क्लास कर सकेंगे।

टाइम्स नाउ नवभारत के संवाददाता पुलकित नागर ने इस संबंध में दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन से बातचीत की। उन्होंने DDMA की एसओपी को लेकर पूरी जानकारी दी और कहा कि दिल्ली सरकार ने स्कूलों को खोलने की पूरी तैयारी कर ली है। सत्येंद्र जैन ने कहा कि पचास फीसदी के साथ कक्षाओं का संचालन किया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री ने और क्या कहा, वो आप इस वीडियो में देख सकते हैं-

इन नियमों और गाइडलाइंस का करना होगा पालन

  1. क्लास रूम की सीटिंग क्षमता के अधिकतम 50 फीसदी तक बच्चे एक बार मे क्लास कर सकेंगे। हर क्लास में सोशल डिस्टेंसिंग के लिए अलग-अलग समय का फॉर्मूला होगा
  2. मॉर्निंग और ईवनिंग शिफ्ट के स्कूलों में दोनों शिफ्टों के बीच कम से कम एक घंटे का गैप जरूरी होगा। बच्चों को अपना खाना, किताबें और अन्य स्टेशनरी का सामान एक-दूसरे से साझा नहीं करने की सलाह देने को कहा गया है।
  3. लंच ब्रेक को किसी ओपन एरिया में इस अलग-अलग समय पर रखने की सलाह दी गई है ताकि एक समय मे ज़्यादा भीड़ एकत्र न हो।
  4. सीटिंग अरेंजमेंट इस तरह से किया जाए कि एक सीट छोड़कर बैठने की व्यवस्था हो। बच्चों को स्कूल बुलाने के लिए माता-पिता की मंजूरी ज़रूरी है।
  5. कोई अभिभावक यदि अपने बच्चे को स्कूल भेजना नहीं चाहता है तो इसके लिए उसे बाध्य नहीं किया जाएगा। कंटेन्मेंट ज़ोन में रहने वाले टीचर स्टाफ या छात्र को स्कूल आने की इजाज़त नही होगी।
  6. स्कूल परिसर में एक क्वारंटीन रूम बनाना अनिवार्य है, जहां जरूरत पड़ने पर किसी भी बच्चे या स्टाफ को रखा जा सकता है।
  7. यह सुनिश्चित किया जाए कि स्कूल के कॉमन एरिया की साफ-सफाई नियमित तौर पर हो रही है. शौचालयों में साबुन और पानी का इंतजाम है. साथ ही स्कूल परिसर में थर्मल स्कैनर, सैनिटाइजर और मास्क आदि की उपलब्धता है।
  8. एंट्री गेट पर थर्मल स्कैनर अनिवार्य होगी। बच्चों के साथ-साथ स्टाफ के लिए भी मास्क जरूरी होगा। इससे अलग एंट्री गेट पर ही बच्चों के हाथ सैनिटाइज कराए जाएंगे।
  9. हेड ऑफ स्कूल को एसएमसी मेंबर्स के साथ मीटिंग, कोविड प्रोटोकॉल प्लान और थर्मल स्कैनर, साबुन और सैनिटाइजर आदि का इंतजाम कर लेने के लिए कहा गया है।
  10. स्कूल प्रमुखों को ये भी सुनिश्चित करने को कहा गया है कि स्कूल में आने वाले सभी टीचर और स्टाफ वैक्सीनेटेड हों, अगर नहीं हैं तो इसे प्रमुखता देनी होगी।

इसके अलावा जिन स्कूलों में वैक्सीनेशन और राशन बांटने का काम चल रहा है वहाँ उस हिस्से को स्कूल में एकेडमिक एक्टिविटी वाली जगह से अलग रखा जाएगा। इसके लिए अलग एंट्री-एग्जिट पाइंट बनाये जाएंगे और सिविल डिफेंस स्टाफ को तैनात किया जाएगा।

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