actor Raj Arjun exclusive : मायानगरी हर किसी को हीरो नहीं बनाती लेकिन जो खुद पर विश्वास रखकर संघर्ष जारी रखते हैं, उसको ये पहचान जरूर देती है। कुछ ऐसी ही कहानी है अभिनेता राज अर्जुन की जिनको दर्शकों ने हाल ही में कंगना रनौत की थलाइवी में देखा है। राज अर्जुन ने इस फिल्म में वीरप्पन का किरदार निभाया है जो कहानी का एक अहम पात्र है। वैसे राज वही एक्टर हैं जिनको इससे पहले दर्शक आमिर खान की सीक्रेट सुपरस्टार में फारुख यानी जायरा वसीम के पिता के रोल में देख चुके हैं। इस नेगेटिव किरदार के लिए दर्शकों की नफरत झेलने वाले राज का एक ऐसा चेहरा भी है जिसको पर्दे पर देखकर लोग भक्ति भाव से भर उठे। बेशक राज अर्जुन ही वो एक्टर हैं जो एमएक्स प्लेयर पर सबका साईं शो में साईं बाबा की भूमिका में भी दिखे हैं।
थलाइवी में वीरप्पन का किरदार
राज अर्जुन फिल्म थलाइवी में वीरप्पन के किरदार को एक अपने करियर में एक अहम पड़ाव मानते हैं। वीरप्पन का साउथ की पॉलिटिक्स में एक बड़ा रोल रहा है लिहाजा इस भूमिका के लिए राज ने उनकी बॉडी लैंग्वेज से लेकर राजनीतिक करियर को करीबी से नोट किया। खासतौर पर विचारों को। राज का कहना है - ये मेरे लिए पहला मौका था जब मैं किसी व्यक्ति को पर्दे पर उतार रहा था। ये अलग अनुभव था और इसकी तैयारी में मैंने उनके पूरे चरित्र को गहराई से नोट किया। पहले मैंने उनकी विचारधारा में खुद उतारा और उसके बाद मैं उनके रंग में खुद बखुद ढलता चला गया।
पर्दे पर अलग-अलग रंग कैसे
राज से बातचीत के दौरान कोई भी उनकी शांत पर्सनैलिटी और सूदिंग आवाज का कायल हो जाएगा। ऐसे में सीक्रेट सुपरस्टार, नटखट, डियर कामरेड में नेगेटिव शेड्स उन्होंने कैसे निभाए? इस पर राज का कहना है कि शूटिंग के दौरान वह बस अपने करैक्टर के बारे में सोचते हैं। वह चेहरे से नहीं बल्कि दिमाग से उस किरदार को जीते हैं और नतीजा दर्शकों की नफरत के साथ उनके सामने होता है।
सीक्रेट सुपरस्टार के बाद ब्रेक
सीक्रेट सुपरस्टार के बाद राज के पास इसी तरह के कई ऑफर थे। लेकिन उन्होंने चेंज के लिए जानबूझ कर एक ब्रेक लिया। राज का कहना है कि उनके अंदर के अदाकार को संतुष्ट करने के लिए ऐसा करना जरूरी था। इसके बाद उनके पास सबका साईं का ऑफर आया तो उनको साफ हो गया कि उनका फैसला गलत नहीं था।
कैसे हुई अभिनय की शुरुआत
टाइम्स नाउ नवभारत के साथ एक खास बातचीत में राज अर्जुन ने बताया कि वह भोपाल के रहने वाले हैं और एक बिजनेस फैमिली से ताल्लुक रखते हैं। भोपाल में थिएटर से मिली पॉपुलैरिटी से उन्होंने मुंबई आने की ठानी। हालांकि यहां का सफर आसान नहीं था और 700 रुपये की अपीयरेंस से उन्होंने अपनी अभिनय यात्रा की शुरुआत की।
बकौल राज - मुझे लगता था कि लुक्स के बेस पर मैं टीवी की दुनिया में अपना मुकाम बना लिया। लेकिन मनचाहा ब्रेक न मिलने पर बाल बढ़ाकर मैंने लुक बदल लिया। इसके बाद 700 रुपये प्रति दिन के हिसाब से मुझे पहला शो मिला - न्याय। इसके बाद से टीवी पर कई शोज किए और मंजिल की ओर बढ़ता चला गया।
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