Bharat Ratna for Rahat Indori : हर दिल अजीज शायर राहत इंदौरी शायरी के शहंशाह कहे जाते हैं। 50 साल से अधिक समय राहत इंदौरी ने शायरी को दिया। उन्होंने अनगिनत शेयर और गजलें कहीं जो फैंस को जबानी याद हैं। वह हर वर्ग के प्रिय थे। युवाओं में वह खासतौर पर पसंद किए जाते थे और मंच से युवाओं को मोहब्बत की नसीहतें देने के लिए जाने जाते थे। यही वजह है कि 11 अगस्त को इस दुनिया को अलविदा कह गए राहत साहब के लिए भारत रत्न की मांग की जा रही है।
अमेरिकन फेडरेशन ऑफ मुस्लिस्म ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. मोहम्मद कुतुबुद्दीन ने केंद्र सरकार से राहत इंदौर को सर्वश्रेष्ठ सम्मान भारत रत्न प्रदान करने की अपील की है। हैदराबाद बेस्ड डॉ. मोहम्मद कुतुबुद्दीन का कहना है कि राहत साहब लाखों लोगों के दिलों पर राज करते थे और एक सच्चे भारतीय थे। उनके काम और सम्मान को देखते हुए सरकार को उन्हें भारत रत्न प्रदान करना चाहिए।
कौन थे राहत इंदौरी
राहत इंदौरी का जन्म इंदौर में 1 जनवरी 1950 में कपड़ा मिल के कर्मचारी रफ्तुल्लाह कुरैशी और मकबूल उन निशा बेगम के यहा हुआ था। वे उन दोनों की चौथी संतान हैं। उनकी प्रारंभिक शिक्षा नूतन स्कूल इंदौर में हुई। उन्होंने इस्लामिया करीमिया कॉलेज इंदौर से 1973 में अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी की और 1975 में बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय, भोपाल से उर्दू साहित्य में एमए किया। 1985 में मध्य प्रदेश के मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय से उर्दू साहित्य में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की।
फेफड़ों में निमोनिया था
छाती रोग विभाग के प्रमुख डॉ. रवि डोसी ने बताया, "इंदौरी के दोनों फेफड़ों में निमोनिया था और उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल लाया गया था।"
उन्होंने बताया, "सांस लेने में तकलीफ के चलते उन्हें आईसीयू में रखा गया था और ऑक्सीजन दी जा रही थी। लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद हम उनकी जान नहीं बचा सके।" राहत इंदौरी ने 11 अगस्त को सुबह ट्वीट किया था- कोविड के शरुआती लक्षण दिखाई देने पर कल मेरा कोरोना टेस्ट किया गया, जिसकी रिपोर्ट पॉज़िटिव आयी है।
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