आशिकी एक्ट्रेस का छलका दर्द, हॉलीवुड प्रोजेक्ट्स को ठुकरा कर Anu Aggarwal ने जानें कैसे चुनी आध्यात्म की राह

Anu Aggarwal Ashiqui Actress Interview: अनु अग्रवाल ने हमारे साथ फिल्मों, प्रसिद्धि और जीवन बदल देने वाले भाग्य के बारे में खुलकर बात की है। उन्होंने स्टारडम के बाद योगिनी बनने के सफर के बारे में भी बताया...

Anu Aggarwal Choose Spiritual Life, Anu Aggarwal  Bollywood Actress Exclusive interview
अनु अग्रवाल। 
मुख्य बातें
  • अनु अग्रवाल को आज भी सुपरहिट फिल्म 'आशिकी' से जाना जाता है।
  • साल 1999 में एक एक्सीडेंट ने अनु अग्रवाल की पूरी जिंदगी बदल दी।
  • अनु जब कोमा से बाहर आईं तो उन्होंने बॉलीवुड छोड़ योगिनी बनने का फैसला किया।

अनु अग्रवाल का नाम लेते ही दिमाग में सबसे पहले उनकी फिल्म 'आशिकी' आती है जो कि सुपर डुपर हिट थी। अभिनेत्री ने उस फिल्म के बाद 'खलनायक', 'किंग अंकल', 'जनम कुंडली' जैसी फिल्मों में भी काम किया। उस दौर में अनु अग्रवाल को हॉलीवुड और साउथ प्रोजेक्ट्स के भी ऑफर मिलने लगे थे। लेकिन साल 1999 में एक एक्सीडेंट ने अनु अग्रवाल की पूरी जिंदगी बदल दी। वो कोमा में चली गईं। अनु अग्रवाल ने जिंदगी से जंग लड़ी और जब वो कोमा से बाहर आईं तो उन्होंने बॉलीवुड की बजाय योगिनी और लेखिका बनने का फैसला किया। 2015 में अनु ने अपनी आत्मकथा Anusual: Memoir of a Girl Who Came Back from the Dead लिखी। हाल ही में, अभिनेत्री ने अपनी ऑडियोबुक भी लॉन्च की है। इसी बीच अब अनु अग्रवाल ने हमारे साथ फिल्मों, प्रसिद्धि और जीवन बदल देने वाले भाग्य के बारे में खुलकर बात की है...

अनु अग्रवाल का 'आशिकी' में काम करने के बाद मन बदला गया। उन्होंने मॉडलिंग में वापस नहीं जाते हुए एक्टिंग में हाथ आजमाया। आशिकी के बाद उन्हें कई शानदार रोल ऑफर हुए। अनु अग्रवाल को राकेश रोशन और मणिरत्नम का भी फोन आया था और एक हॉलीवुड फिल्म में भी अच्छी भूमिका की पेशकश की गई थी। उस दौर में उनके पास कुछ अच्छे प्रोजेक्ट्स थे लेकिन वो हमेशा पहले स्क्रिप्ट देखती थीं। ऐसे में कुछ फिल्मों ने उनके लिए काम किया और कुछ उनके पक्ष में नहीं रहीं। 

अनु अग्रवाल बताती हैं, 'उसी समय, मैं मॉडलिंग भी कर रहा थी क्योंकि एमटीवी को भारत में1993 में लॉन्च किया गया था। मैं उन कुछ मशहूर हस्तियों में से एक थी, जो चुनिंदा ब्रांड एंडोर्समेंट करते थे जिसे उनके अलावा सिर्फ क्रिकेटर्स ही करते थे। मैं अकेली रहती थी और अपना घर संभालती थी। मेरा एक बॉयफ्रेंड था, लेकिन वो लॉन्ग डिसटेंस रिलेशनशिप होने की वजह से रिश्ता खराब हो चुका था। एक दिन मैंने लॉस एंजिल्स जाने का फैसला किया क्योंकि मुझे मॉडलिंग का एक बड़ा काम मिला था। तभी भी नस्लवाद था लेकिन उस समय, मैं अपने देश में पहले से ही टॉप पर थी। इसलिए वे मुझे बहुत पैसे देने को तैयार थे लेकिन मैं सेकंड लीड क्यों करती। फिर मैं इंडिया आ गई। मेरे अंकल, जो एक योग विशेषज्ञ हैं, उन्होंने मुझे मिलने के लिए कहा और उनकी बातों ने मुझे मोटिवेट किया। मुझे अच्छा लगा और मैं अध्यात्म की गहरी समझ रखना चाहता था। इसलिए, मैंने 1997 में यनिवर्सटी में जाकर अपना नामांकन कराया। उस समय, कोई भी इंडियन योग में स्टडी नहीं कर रहा था।

कोमा में जाने के बाद सब कुछ भूल गई थीं अनु अग्रवाल
अनु बताती हैं कि साल 1999 में, मैं एक एक्सीडेंट के बाद कोमा में चली गई थी। दुर्घटना से पहले मैं एक आश्रम में रहती थी जहां मेरा आध्यात्मिक नाम था। दुर्घटना के बाद, मुझे कुछ भी याद नहीं था सिवाय अपने आध्यात्मिक नाम के...। 2001 में मैंने संन्यास लिया और अपना सिर मुंडवा लिया। तब मैंने बस मन और मानव मनोविज्ञान का अध्ययन किया। 2006 में, मैं वापस आई तो लोग और प्रेस घर के बाहर दिखने लगी। एक्सीडेंट के बाद, मैं सब कुछ भूल गई थी यहां तक कि लिपस्टिक कैसे लगाई जाती है ये भी। जल्द ही लोगों ने मेरे 'बिफोर' और 'आफ्टर' फोटोज शेयर करना शुरू कर दिए। मेरा नो-मेकअप लुक वायरल होने लगा। मैं बहुत शॉक्ड थी। क्योंकि मेरे बेहतर होने में साथ देने की बयाज वह मेरे बारे में कुछ भी लिख रहे थे। 

एक्टिंग में वापस नहीं आना चाहतीं अनु अग्रवाल
2007-2008 के आसपास, मुझे एक विदेशी फिल्म की पेशकश की गई थी, लेकिन मैं यह सब नहीं करना चाहती थी। मैं लोगों के लिए काम करना चाहती थी। मैं योग पर काम करना चाहती थी और लोगों, उनकी मानसिकता के बारे में अधिक अध्ययन करना चाहती था। लोग मेरे बारे में बातें कहने लगे। किसी को समझ नहीं आया कि नारी शक्ति मेरे भीतर जागृत हो चुकी थी। अगर मुझे केवल फिल्में करनी होतीं, तो मैंने 10 साल पहले की होती और 20 साल पहले इंटरनेशनल प्रोजेक्ट साइन किए होते। लेकिन मेरी तलाश कुछ और थी। मेरी जरूरतें, इच्छा और भूख लोगों के लिए कुछ करना था। मैं अब माइंडफुलनेस के साथ आगे बढ़ रही हूं, और मानव मन के बारे में अधिक से अधिक समझ सकती हूं। डिप्रेशन, एनजाइटी, या असफलता का सामना करना। इन सब के जवाब जानने के लिए मुझ खुद को बॉलीवुड की दुनिया से अलग करना पड़ा।

अनु अग्रवाल बताती हैं कि वो फ्री टाइम मैं वेब पर कुछ बहुत दिलचस्प चीजें देखती हैं। वो खुद को अपडेट रखती हूं। उनका पूरा योग का शेड्यूल कहता है। अनु योगी लाइफस्टाइल जी रही हैं। किसी को झूठ ना बोलना, नुकसान ना पहुंचाना और लोगों के स्वास्थ्य, खुशी की कामना करना यही उनकी लाइफ है। 
 

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