प्रदीप कुमार तिवारी/नई दिल्ली: किशोर कुमार बॉलीवुड गायक थे जो हर तरह के गाने गाने में माहिर थे। उनकी आवाज का जादू ऐसा था कि देव आनंद, अमिताभ बच्चन और राजेश खन्ना जैसे अभिनाताओं के लिए उन्होंने एक से बढ़कर एक हिट गाने गाए। उनकी गायिकी का अंदाज ऐसा था मानो वह इन्हीं के लिए गा रहे हो। चाहे खुशी से चहकते गीत या फिर गम के समंदर में डूबा गीत किशोर हर गीत में अपनी छाप छोड़ दिया करते थे।
मेरे सपनों की रानी कब आएगी तू'- फिल्म आराधना में किशोर कुमार का गाया ये गीत आज भी लोगों की जुबान पर कायम है। एक ऐसा सिंगर, ऐसा एक्टर जैसा न कभी कोई हुआ और न होगा। किशोर कुमार टैलेंट के वो समंदर थे जिनसे जितना सीख लिया जाए वो कम था। आज हम किशोर कुमार के बारे में कुछ ऐसी बातें आपको बताएंगे जो शायद ही कभी अपने सुनी या पढ़ी होंगी-
तीन नायकों को बनाया महानायक
किशोर कुमार ने हिन्दी सिनेमा के तीन नायकों को महानायक का दर्जा दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। उनकी आवाज के जादू से देव आनंद सदाबहार हीरो कहलाए। राजेश खन्ना को सुपर सितारा कहा जाने लगा और अमिताभ बच्चन महानायक हो गए।
जब अमिताभ बच्चन के लिए गाना छोड़ दिया था
किशोर कुमार और अमिताभ बच्चन का विवाद काफी समय तक सुर्खियों में रहा था। उस समय कोई भी गायक अमिताभ के गाने के लिए मना नहीं करता था। लेकिन कहा जाता है की साल 1980 में अमिताभ बच्चन ने फिल्म किशोर कुमार की फिल्म 'ममता की छांव' के लिए अपने गेस्ट अप्पेरियंस का प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया था। जिसके बाद किशोर कुमार ने अमिताभ के लिए पार्श्व गायिकी के लिए मन कर दिया था।
ऐसे सुलझा था विवाद
हालांकि, ये विवाद अमिताभ बच्चन ने बड़ी ही समझदारी के साथ सुलाझाया। अमिताभ ये जानते थे कि किशोर दा जल्दी मानने वाले नहीं थे। एक दिन अमिताभ किशोर कुमार के दूसरे बेटे सुमित कुमार के जन्मदिन पर आए। यहां उन्होंने किशोर कुमार से मिलकर उनको अपनी फिल्मों में गाने के लिए अनुरोध किया। जिसके बाद किशोर कुमार मान गए। जिसके बाद उन्होंने फिल्म 'शराबी' के लिए गीत गाया। शराबी अमिताभ की सुपर डुपर हिट फिल्म मानी जाती है। किशोर दा ने अमिताभ की फिल्म तूफ़ान के लिए भी गीत गाया, जो उनकी मृत्यु के बाद रिलीज हुई थी।
किशोर कुमार की मृत्यु
1986 में पहली बार किशोर कुमार को दिल का दौरा पड़ा। जिसके बाद वह खंडवा जाना चाहते थे। रिकॉडिंग करना भी बहुत कम कर दिया था। लेकिन अचानक 13 अक्तूबर, 1986 को उन्हें दूसरा दिल का दौरा पड़ गाया और उनका देहांत हो गया। आज वह हमारे बीच नहीं है लेकिन उनके द्वारा गए गए गीत में वह आज भीं जीवित है। जब भी किशोर दा के नगमे सुनते है तो दिल में प्यार की धुन बजने लग जाती है।
(लेखक टाइम्स नाउ में सीनियर रिपोर्टर हैं।)
Times Now Navbharat पर पढ़ें Entertainment News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।