मुंबई. दीपिका पादुकोण बॉलीवुड की उन एक्ट्रेस में से हैं जो डिप्रेशन पर खुलकर बात करती हैं। दीपिका ने कई मौकों पर अपने उस बुरे दौर को याद किया है। अब एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि वह शूटिंग के दौरान बाथरूम में जाकर रोया करती थीं।
दीपिका पादुकोण ने अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स से बातचीत में कहा- ये साल 2004 फरवरी महीने की बात है, जब मुझे पहली बार इसका एक्सपीरियंस हुआ। मैं काम से लौटने के बाद बेहोश हो गई थीं। जब मैं अगली सुबह जागी तो मेरे अंदर एक खालीपन सा था।
बकौल दीपिका मेरा रोना का मन कर रहा था। मैं रोने के लिए कोना ढूंढा करती थीं। मैं एक बार अपनी फिल्म के सेट पर थीं। हमारे एक गाने का शूट चल रहा था। सेट पर मौजूद लोगों की एनर्जी काफी ज्यादा थी। मेरे चारों ओर कई लोग थे, लेकिन मैं खुद को बाथरूम में लॉक कर रोने लगी थी।
पूरा दिन रहती थीं उदास
दीपिका ने बताया कि वह पूरा दिन उदास रहा करती थीं। अगर कोई अच्छा म्यूजिक भी बजता था तो मुझे बेहद खराब लगता था। मैं पूरे दिन सोना चाहती थीं। सोते वक्त मुझे असलियत का सामना नहीं करना था। मैंने कई महीने तक चुपचाप सहन किया।
दीपिका कहती हैं कि ऐसा नहीं है कि अपने लाइफ के बुरे दौर से गुजर रही थी। मैंने चार अच्छी फिल्मों में काम किया था। मैं एक ऐसे शख्स को डेट कर रही थीं, जो बात में जाकर मेरा पति भी बना। इसके बाद मेरे माता-पिता मुझसे मिलने मुंबई आए। उनके साथ रहने से मैं दोबारा बहादुर बनी।
मां ने दी थी ये सलाह
दीपिका ने बताया कि - मेरी मां ने मुझसे पूछा कि क्या काम करने में कोई दिक्कत आ रही है? मैंने न में जवाब दिया। इसके बाद उन्होंने पूछा कि क्या मेरे और मेरे पार्टनर के बीच सब सही है। मैंने हां कहा। इसके बाद उन्होंने मुझे प्रोफेशनल से मिलने की सलाह दी।
दीपिका के मुताबिक मुझसे डॉक्टर ने कहा कि मैं क्लिनिकल डिप्रेशन का शिकार हो गई थीं। मैं बिल्कुल हताश और निराश थीं। हालांकि, जब मुझे इस बीमारी का पता चला तो मैंने राहत महसूस की थी। कोई समझ पाया कि मैं किस दौर से गुजर रही हूं। इसके बाद मुझे इससे लड़ने की हिम्मत आई और मेरी रिकवरी शुरू हुई।
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