मुंबई. रणवीर सिंह की फिल्म जयेशभाई जोरदार को दिल्ली हाईकोर्ट से राहत मिल गई है। दिल्ली हाईकोर्ट ने फिल्म की रिलीज को मंजूरी दे दी है। हालांकि, एक सीन में डिसक्लेमर दिखाना होगा। दिल्ली हाईकोर्ट में वकील पवन प्रकाश पाठक ने एक याचिका लगाई थी। इसमें उन्होंने फिल्म के ट्रेलर के एक सीन पर आपत्ति जताई थी। सीन में भ्रूण की लिंग जांच कराई जा रही है। फिल्म 13 मई को सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है।
न्यायमूर्ति नवीन चावला और न्यायमूर्ति मनोज कुमार ओहरी की पीठ ने जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान कहा है कि ऐसे सीन को बिना किसी डिसक्लेमर के न दिखाया जाए। अगर आप कुछ मैसेज देना चाह रहे हैं तो इसे प्रमुखता से दिखाएं। हम फिल्म के मैसेज की तारीफ करते हैं लेकिन, आपको अपने दर्शकों को बताना होगा कि ये एक अपराध है। ऐसे में सुनिश्चित कीजिए कि डिस्क्लेमर दोनों बार दिखाए जाएं। इससे पहले मेकर्स के तरफ से वरिष्ठ वकील जयंत मेहता ने कहा कि फिल्म किसी कानून को नहीं तोड़ती है। इन दृश्यों में अंग्रेजी और हिंदी में प्रमुखता से डिसक्लेमर दिखाए जाएंगे।
कोर्ट में मेकर्स से कही ये बात
आपको बता दें कि पीठ ने यशराज फिल्म्स से कहा था कि, ‘कुल मिलाकर संदेश अच्छा हो सकता है। लेकिन, यह नहीं दिखाया जा सकता कि गर्भवती महिला को भ्रूण के लिंग का पता लगाने के लिए सोनोग्राम मशीन वाले किसी क्लिनिक में ले जाया जा सकता है।' आपको बता दें कि नौ मई को सुनवाई के दौरान ट्रेलर में भ्रूण का लिंग परीक्षण करने संबंधी सीन पर चिंता जताई गई थी। कोर्ट ने मेकर्स से कहा था कि अवैध चलन को नियमित तरीके से नहीं दिखाया जा सकता।
13 मई को रिलीज हो रही है फिल्म
जयेभाई जोरदार 13 मई 2022 को सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है। फिल्म में रणवीर सिंह और शालिनी पांडे लीड रोल में हैं। फिल्म एक सोशल कॉमेडी है, जो लिंग परीक्षण और भ्रूण हत्या पर आधारित है।
केंद्र सरकार के तरफ से वकील अनुराग अहलूवालिया ने कहा कि फिल्म को केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड ने प्रमाणित किया है, बशर्ते उसमें डिस्क्लेमर दिखाया जाए। वहीं, यूथ अगेंस्ट क्राइम की ओर से पेश वकील पवन पाठक ने कहा था कि फिल्म में लिंग निर्धारण तकनीक को बढ़ावा दिया है।
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