Indeever Birthday: मिलिए गीतकार इंदीवर से जिसने लिखे- है प्रीत जहां की रीत सदा और मेरे देश की धरती... जैसे गीत

Lyricist Indeever Birthday Unknown facts: 300 से अधिक फ़िल्मों में 1000 से भी अधिक गाने लिखने वाले महान गीतकार इंदीवर का जन्‍मदिन स्‍वतंत्रता दिवस के दिन होता है।

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Indeever  
मुख्य बातें
  • महान गीतकार इंदीवर का जन्‍मदिन स्‍वतंत्रता दिवस के दिन होता है।
  • 300 से अधिक फ़िल्मों में 1000 से भी अधिक गाने इंदीवर ने ल‍िखे।

Lyricist Indeever Birthday Unknown facts: 300 से अधिक फ़िल्मों में 1000 से भी अधिक गाने लिखने वाले महान गीतकार इंदीवर का जन्‍मदिन स्‍वतंत्रता दिवस के दिन होता है। उनके गीतों और स्‍वतंत्रता का खास नाता भी रहा है। पूरब और पश्चिम फ‍िल्‍म का मशहूर देशभक्ति गीत ''है प्रीत जहां की रीत सदा' इंदीवर की कलम से ही निकला। श्यामलाल बाबू राय के नाम से पैदा हुए इंदीवर का जन्म 1 जनवरी 1924 को झांसी में हुआ था।

1967 में आई फ‍िल्‍म उपकार का गाना 'मेरे देश की धरती सोना उगले' से लेकर फ‍ि‍ल्‍म सफ़र (1970) का गाना नदियां चले चले रे धारा तक, 'होठों से छू लो तुम, मेरा गीत अमर कर दो' से लेकर 'पल भर के लिए कोई हमें प्यार कर ले झूठा ही सही' तक, ये सदाबहार गाने इंदीवर ने ही लिखे। इंदीवर हिंदी सिनेमा के सबसे सफलतम गीतकारों में से एक हैं लेकिन अर्श तक पहुंचने का उनका सफर काफी संघर्ष भरा रहा। 

फक्‍कड़ बाबा से मिली प्रेरणा

बचपन में ही उनके माता पिता का देहांत हो गया। इसके बाद उनकी बड़ी बहन और बहनोई उन्हे अपने साथ लेकर चले गए। बहन बहनोई के पास मन नहीं लगा तो वह वापस आ गए। झांसी के करीब बरूवा सागर में गुलाब बाग में एक विशाल पेड़ के नीचे फक्‍कड़ बाबा रहा करते थे। वह बहुत अच्‍छा गाते थे। इंदीवर बाबा के संपर्क में आए और उन्‍हें गीत लिखने व गाने की रुचि जागृत हुई। वह बाबाजी के चिमटा से राग बनाकर स्‍वलिखित गीत, भजन गाने लगे। 

शादी से भागे इंदीवर

इंदीवर युवा हुए तो झाँसी की रहने वाली ‘पार्वती’ नाम की लड़की से उनकी बिना मर्जी के शादी करा दी और इस शादी के भागकर इंदीवर मुंबई चले गए। कई साल तक वह फिल्म निर्देशकों, कवि-साहित्यकारों के यहां घूमते रहे। आखिरकार 1946 में फिल्‍म ‘डबल फेस’ में उनका पहला गीत आया जोकि चल नहीं सका। हारकर वह फ‍िर बरूवा सागर लौट आए। वापस आकर जिस पत्‍नी से दूर भागे थे, उसके साथ रहे और वैवाहिक जीवन को सहेजने लगे। कुछ साल बाद दोबारा मुंबई गए और 1949 में फिल्म मल्हार के लिए गीत लिखे। इस फ‍िल्‍म में एक गीत था ‘बड़े अरमान से रखा है बलम तेरी कसम’। इस गीत ने इंदीवर को पहचान दिला दी। इसके बाद वह पायदान-दर-पायदान बुलंदियां छूते गए। वह अपनी पत्‍नी पार्वती को साथ ले जाना चाहते थे लेकिन वह यहीं रहीं। ऐसे में इंदीवर के गीतों में विरह का भाव नजर आने लगा। 

राकेश रोशन संग काम

निर्माता निर्देशक राकेश रौशन की फिल्मों के लिए इंदीवर ने खूब गीत लिखे। कामचोर, खुदगर्ज, खून भरी मांग, काला बाजार, किशन कन्हैया, किंग अंकल, करण अर्जुन और कोयला में इंदीवर के गीतों ने समां बांधा। इंदीवर ने कल्‍याण जी आनंद जी के साथ काम किया। ये दोनों ही इंदीवर के गीतों को संगीत देते। फ‍िल्‍म उपकार, दिल ने पुकारा, सरस्वती चंद्र, यादगार, सफर, सच्चा झूठा, पूरब और पश्चिम, जॉनी मेरा नाम, पारस, उपासना, कसौटी, धर्मात्मा, हेराफेरी, डॉन, कुर्बानी, कलाकार आदि में इंदीवर के गीतों को कल्‍याण जी आनंद जी ने ही संगीत दिया है। 1970 में विजय आनंद निर्देशित फिल्‍म जॉनी मेरा नाम में ‘नफरत करने वालों के सीने में…..’ ‘पल भर के लिये कोई मुझे…’ जैसे गीत इंदीवर ने दिए और इन गीतों ने उन्‍हें श्रोताओं के दिल में बिठा दिया। बप्पी लाहिरी और लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल ने भी इंदीवर के गीतों को संगीत दिया। किशोर कुमार, आशा भोंसले, मोहम्मद रफी, लता मंगेश्कर जैसे गायकों ने उनके गानों को आवाज दी। 

स्वतंत्रता सेनानी कवि इंदीवर ने अंग्रेजों के जामने में एक गीत लिखा- ‘ओ किराएदारों कर दो मकान खाली'। इस गाने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। वहीं व्‍यक्तिगत जीवन की बात करें तो इंदीवर को मुंबई ने अपना बना लिख और उनकी पत्‍नी पार्वती झांसी में ही रहकर एक छोटी सी दुकान चलाने लगीं। 27 फरवरी 1997 को 73 साल की उम्र में इंदीवर का निधन हो गया था। वहीं  2005 में उनकी पत्‍नी भी चल बसीं। इंदीवर भले ही आज हमारे बीच नहीं, लेकिन उनके गानों को कोई सानी नहीं है। 

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