ऑस्‍कर पाने वाले इकलौते भारतीय डायरेक्‍टर हैं सत्‍यजीत रे, इस फिल्म को बनाने के लिए गिरवी रखे थे बीवी के गहने

Satyajit ray birthday: दादा साहेब फाल्के के बाद इंडियन सिनेमा में सबसे बड़ा नाम सत्यजीत रे का है। सत्यजीत रे की गिनती उन सितारों में होती है जिन्होंने विदेश में भी भारतीय सिनेमा का परचम बुलंद किया।

Satyajit Ray
Satyajit Ray 
मुख्य बातें
  • 1992 में सत्यजीत रे को भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
  • सत्यजीत रे को 32 राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था। 

Satyajit ray birthday: कोलकाता में 1948 में फ़िल्म सोसायटी की शुरुआत करने वाले सत्यजित रे पहले फ़िल्मकार थे। सत्यजीत रे ने देश की वास्तविक तस्वीर और कड़वे सच को बिना किसी लाग-लपेट के ज्यों का त्यों अपनी फिल्मों में दर्शाया! दादा साहेब फाल्के के बाद इंडियन सिनेमा में सबसे बड़ा नाम सत्यजीत रे का है। सत्यजीत रे की गिनती उन सितारों में होती है जिन्होंने विदेश में भी भारतीय सिनेमा का परचम बुलंद किया। आज सत्यजीत रे का जन्‍मदिन है। इस मौके पर हम आपको बताते हैं उनसे जुड़ी कुछ खास बातें।

सत्यजीत रे ने शतरंज के खिलाड़ी, पाथेर पांचाली, देवी और चारुलता जैसी फिल्में बनाई हैं। फिल्म पाथेर पांचाली को आज भी भारतीय सिनेमा का मील का पत्थर मानी जाती है। इस फिल्म को तीन भागो में बनाया गया था। 

बनाई थी पथेर पांचाली

पहला भाग पत्थर पांचाली, दूसरा भाग अपराजितो और तीसरा भाग द वर्ल्ड ऑफ अपू था। हालांकि, ये फिल्म काफी मुश्किल से बनी थी। पाथेर पांचाली बनाने के लिए सत्यजीत रे अपनी बीवी की गहने तक गिरवी रख दिए थे। भारत में फिल्म की आलोचना इसलिए हुई क्योंकि इसमें भारत की गरीबी का महिमामंडन था। खास तौर से पश्चिम बंगाल के हालात को खुल कर पेश किया था।

जब मिला ऑस्‍कर

भारत की तरफ से अभी तक केवल डायरेक्टर सत्यजीत रे को ऑस्कर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। सत्यजीत रे को साल 1992 में ऑस्कर का ऑनरेरी अवॉर्ड फॉर लाइफटाइम अचीवमेंट दिया गया था। ये अवॉर्ड सेरेमनी 30 मार्च 1992 को आयोजित की गई थी। हालांकि, उस वक्त वह काफी बीमार चल रहे थे और हॉस्पिटल में भर्ती थे। 23 अप्रैल 1992 को उनका निधन हो गया था। 

32 राष्ट्रीय पुरस्कार

ऑस्कर देने वाली अकेडमी ऑफ मोशन पिक्चर आर्ट्स एंड साइंस के पदाधिकारियों ने ये अवॉर्ड उनके घर में पहुंचाया था। इसके एक महीने से भी कम समय के बाद 23 अप्रैल 1992 में दिल का दौरा पड़ने से सत्यजीत रे का निधन हो गया था।  1992 में सत्यजीत रे को भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। वहीं भारत सरकार द्वारा सत्यजीत रे को 32 राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था। 

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