Lata Mangeshkar Lesser known Fact: पद्म विभूषण, भारत रत्न, दादा साहेब फाल्के जैसे पुरस्कारों से सम्मानित, स्वर कोकिला कही जाने वाली महान गायिका लता मंगेशकर के निधन से पूरा देश गमगीन है। सिनेमा जगत से लेकर खेल, राजनीति और उद्योग जगत के लोग उन्हें श्रद्धाजलि अर्पित कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि देने का सिलसिला शुरू हो चुका है। कई जगह से तस्वीरें भी सामने आ रही हैं जहां फैंस इस खबर को सुनने के बाद अपने आंसू नहीं रोक पा रहे हैं। लता मंगेशकर बीते महीने से मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती थीं।
लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर 1929 को इंदौर के मराठी परिवार में पंडित दीनदयाल मंगेशकर के घर हुआ था। इनके पिता रंगमंच के कलाकार और गायक भी थे इसलिए संगीत इन्हें विरासत में मिली। 1974 में दुनिया में सबसे अधिक गीत गाने का 'गिनीज़ बुक रिकॉर्ड' उनके नाम पर दर्ज है। 36 भाषाओं में उन्होंने 30 हजार से अधिक गाने गए थे।
इतनी महान अदाकारा के बारे में एक बात शायद ही आप जानते होंगे। लता मंगेशकर गाने की रिकॉर्डिंग नंगे पांव किया करती थीं। वह रिकॉर्डिंग रूम के बाहर ही अपनी चप्पलें उतारती थीं और हमेशा नंगे पाँव गाना गाती थीं। ये उनकी महानता थी कि गायन को वह पूजा मानती थीं।
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Lata Mangeshkar साक्षात माता सरस्वती का रूप थीं। संगीत के सुर मानो उनके ही लिये बने थे। पर्दे पर अदाकाराएं बदलती रहीं, कई आईं और गईं लेकिन हर दौर में, हर अदाकारा की आवाज बनी रहीं लता मंगेशकर जी।
लता को अपने सिने करियर में मान-सम्मान बहुत मिले हैं। वे फिल्म इंडस्ट्री की पहली महिला हैं जिन्हें भारत रत्न और दादा साहब फाल्के पुरस्कार प्राप्त हुआ। उनके अलावा सत्यजीत रे को ही यह गौरव प्राप्त है। वर्ष 1974 में लंदन के सुप्रसिद्ध रॉयल अल्बर्ट हॉल में उन्हें पहली भारतीय गायिका के रूप में गाने का अवसर प्राप्त है।
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