Nadeem-Shravan Ki Jodi: जानें कैसे बनी थी नदीम-श्रवण की जोड़ी, गुलशन कुमार की हत्या बनी थी अलग होने की वजह

बॉलीवुड इंडस्ट्री के मशहूर संगीतकार श्रवण साहब कोरोना वायरस से जंग लड़ते हुए हार गए। श्रवण साहब का पूरा नाम श्रवण कुमार राठौर था।

Nadeem- Shravan
Nadeem- Shravan 
मुख्य बातें
  • 13 नवंबर 1954 को राजस्थान के एक संगीतकार परिवार में हुआ था श्रवण साहब का जन्म।
  • साल 1973 में एक समारोह में हुई थी श्रवण साहब की नदीम से मुलाकात।
  • 1990 में फिल्म आशिकी से मिली थी नदीम- श्रवण को एक नई पहचान।

Nadeem-Shravan Famous Film And Songs: कोरोना के भयावह प्रकोप के काराण चारों ओर से ह्रदय विदारक घटना आ रही है। हर तरफ संकट के बादल छाए  हैं। भोजपुरी म्यूजिक इंडस्ट्री श्याम देहाती के निधन के बाद कोरोना वायरस से जंग लड़ते हुए मशहूर संगीतकार श्रवण राठौर साहब ने भी इस दुनिया को अलविदा कह दिया। श्रवण के आकस्मिक निधन ने सबको स्तब्ध कर दिया है, बलीवुड मे शोक लहर गूंज रही है। नदीम-श्रवण की जोड़ी से तो हर कोई वाकिफ होगा। इस बेमिसाल जोड़ी ने बॉलीवुड में कई शानदार गाने दिए है, जो आज भी लोगों के जुबां पर रहते हैं।

साल 1973 में पहली बार एक समारोह में एक दूसरे से मिले नदीम श्रवण ने संगीत जगत में भोजपुरी फिल्म दंगल से अपने करियर की शुरुआत की। भोजपुरी भाषा की यह पहली रंगीन फिल्म थी, जिसने गोल्डन जुबली मनाई। फिल्म के गाने काशी हिले, पटना हिले, कलकत्ता हिलेला, फूट गैल किस्मतिया गाना काफी हिट हुआ था। इस फिल्म के बाद से संगीतकार नदीम-श्रवण की जोड़ी धमाल मचाने लगी। लगातार 17 सालों के संघर्ष के बाद नदीम औऱ श्रवंण साहब को 1990 की फिल्म आशिकी से पहचान मिली, जो बॉलीवुड की अब तक की सर्वाधिक बिकने वाली एल्बम है। इसके बाद साल 2000 में बनी फिल्म धड़कन से नदीम-श्रवण ने एक बार फिर संगीत जगत में अपना परचम बुलंद किया। इसके बाद इस बेमिसाल जोड़ी ने एक से एक सुपरहिट गाने बॉलीवुड को दिए। आइए जाते हैं श्रवंण साहब के सुपरहिट सॉन्ग औऱ उनका पारिवारिक इतिहास।

गुलशन कुमार हत्याकांड से करियर में आई थी रुकावट

साल 1990 से नदीम-श्रवण को फिल्म आशिकी से मिली पहचान के बाद 1997 में गुलशन कुमार हत्याकांड में नदीम को भी संदिग्धों की सूची में पाया गया, जिससे नदीम लंदन भाग गए थे। जिसका खामियाजा श्रवण राठौर को भी भुगतना पड़ा था। जिस कारण से कुछ समय के लिए यह जोड़ी संगीत जगत से दूर रही। साल 2000 की फिल्म धड़कन से दोनों ने संगीत जगत में वापसी की। इसके बाद 5 वर्ष तक एक साथ काम करने के बाद दोनों अलग हो गए। आपको बता दें नदीम-श्रवण साहब की आशिकी की एल्बम 90 के दशक की सर्वाधिक बिकने वाली एल्बम में से एक थी।

नदीम-श्रवण साहब की मशहूर फिल्में

आपको बता दें नदीम-श्रवण बेमिसाल जोड़ी ने ‘आशिकी’ , ‘साजन’ , ‘सड़क’,  ‘दिल है कि मानता ही नहीं’, ‘फूल औऱ कांटे’ , ‘राजा हिंदुस्तानी’ , ‘जान तेरे नाम’ , ‘रंग’ , ‘दीवाना’ , ‘साथी’, राजा, ‘धड़कन’ , ‘परदेश’ , ‘दिलवाले’, ‘राज’ जैसी कई सुपर डुपरहिट फिल्मों में अपने संगीत से दर्शकों को दीवाना बना दिया था। इस जोड़ी के गाने आज भी लोगों के जुबां पर रहते हैं और लोग गुनगुनाते हैं।

मशहूर संगीतकार श्रवण साहब का पूरा नाम श्रवण कुमार राठौर था। श्रवण साहब का जन्म 13 नवंबर 1954 को  राजस्थान में एक संगीतकार परिवार में हुआ था। उनके पिता पंडित चतुर्भुज राठौर एक जाने माने शास्त्री थे। श्रवण साहब जब बहुत छोटे ही थे तो वह मुंबई चले आए थे। श्रवण साहब के दो भाई हैं, जो संगीत की दुनिया में अपनी छाप छोड़ने में कामयाब रहे हैं। जिनका नाम रूप कुमार राठौर और विनोद राठौर है। श्रवण साहब की पत्नी से बहुत कम लोग वाकिफ होंगे, आपको बता दें श्रवण साहब की पत्नी लाइमलाइट से हमेशा दूर रही। श्रवण साहब के दो बेटे हैं जिनका नाम संजीव औऱ दर्शन राठौर है।

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