Menstrual Hygiene Campaign:'पैडमैन' अक्षय कुमार महिलाओं की मदद के लिए आए आगे, सैनिटरी पैड्स की कर रहे व्यवस्था

Menstrual Hygiene Campaign: लॉकडाउन के बीच अक्षय कुमार महिलाओं की मदद के लिए आगे आए हैं और उनके लिए पैड्स की व्यवस्था कर रहे एनजीओ से जुड़े हैं।

Akshay Kumar
Akshay Kumar 
मुख्य बातें
  • लॉकडाउन में अब महिलाओं की मदद के लिए आगे आए अक्षय कुमार
  • जरूरतमंद महिलाओं को पैड्स मुहैया करवाने वाली एनजीओ से जुड़े
  • सोशल मीडिया के जरिए फैंस से मांगी मदद

आज मेन्स्ट्रुअल हाइजीन डे है जो कि हर साल 28 मई को मनाया जाता है। बॉलीवुड एक्टर अक्षय कुमार की फिल्म पैडमैन उसी पर आधारित है। फिल्म में अक्षय कुमार लक्ष्मीकांत नाम के एक ऐसे शख्स के रोल में हैं जो पीरियड्स को लेकर समाज की मानसिकता को बदलना चाहता है। वो और उसकी पत्नी लक्ष्मी यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि महिलाएं पीरियड्स के समय शर्मिंदगी महसूस करने की जगह हाइजीन का ख्याल रखें। 

महिलाओं के लिए सैनिटरी पैड्स की व्यवस्था

अब फिल्म के बाद अक्षय कुमार रियल लाइफ पैडमैन बनकर सामने आए हैं और जरूरतमंद महिलाओं को सैनिटरी नैपकिन देने की मुहिम से जुड़ गए हैं और इसके लिए सोशल मीडिया पर लोगों से मदद की अपील की है। हाल ही में अक्षय ने ट्वीट किया और लोगों से इस कैंपेन के तहत मदद मांगी। उन्होंने ट्वीट किया, 'एक अच्छे काम के लिए आपके सपोर्ट की जरूरत है। कोविड में पीरियड्स नहीं रुकते, मुंबई की जरूरतमंद महिलाओं को पैड्स मुहैया करवाने में मदद कर करें, हर दान मायने रखता है।'

इस NGO के जरिए कर रहे मदद

मालूम हो कि अक्षय 'समर्पण' नाम के एनजीओ से जुड़े हैं जिसके तहत जरूरतमंद महिलाओं को सैनिटरी पैड्स की किट मुहैया करवाई जा रही है। अक्षय कुमार ही नहीं एक्टर कुणाल कपूर भी इस कैंपेन का हिस्सा हैं। पिंकविला से बात करते हुए एनजीओ की फाउंडर डॉ. रूमा भार्गवा ने कहा, 'मासिक धर्म स्वच्छता कोई विशेषाधिकार नहीं है, यह एक बुनियादी मानव अधिकार है। भारत में केवल 42% महिलाएं ही पैड का इस्तेमाल करती हैं, इसके कई कारण हो सकते है जैसे खरीदने में असमर्थ, उपलब्धता की कमी, मासिक धर्म स्वच्छता के प्रति जागरुकता की कमी।'

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
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मेन्स्ट्रुअल हाइजीन डे की शुरुआत

इस दिन को मनाने की शुरुआत जर्मनी की एक एनजीओ कंपनी वॉश युनाइटेड (Wash United) ने साल 2014 में की थी। इसका मकसद था इसके जरिए दुनियाभर की महिलाओं व लड़कियों को अपनी मेन्स्ट्रुअल हाइजीन के बारे में जागरुक करना। इसके साथ ही 28 तारीख को चुने जाने की भी खास वजह है। दरअसल आ तौर पर पीरियड्स का यह चक्र 28 दिनों का होता है इसी बीच में उन्हें पीरियड्स होते हैं। और इसी वजह से इस दिन के लिए 28 मई को चुना गया।

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