कश्मीरी पंडितों की 'गंध' के जरिए ढूंढकर मारता था बिट्टा कराटे, महबूबा मुफ्ती की बहन को कर चुका है किडनैप

Shikara Movie Terrorist Bitta Karate: 90 के दशक में कश्मीरी पंडितों के कत्लेआम और पलायन पर बनी फिल्म शिकारा 7 फरवरी को रिलीज होने वाली है। इस मौके पर जानिए कश्मीरी पंडितों के हत्यारे बिट्टा कराटे की कहानी...

Bitta Karate
Bitta Karate 
मुख्य बातें
  • कश्मीरी पंडितों की त्रासदी पर बनी फिल्म शिकारा 7 फरवरी को रिलीज हो रही है।
  • जेकेएलएफ का आतंकी बिट्टा कराटे ने खुलेआम कश्मीरी पंडितों की हत्या की बात स्वीकार की थी।
  • बिट्टा कराटे का असली नाम फारुख अहमद डार है।

नई दिल्ली. कश्मीरी पंडितों की त्रासदी पर बनी फिल्म शिकारा 7 फरवरी को रिलीज हो रही है। जनवरी 1990 में लाखों कश्मीरी पंडितों ने घाटी से पलायन कर लिया था। कश्मीरी पंडितों के कत्लेआम की शुरुआत साल 1989 से हो गई थी। इन हत्याओं की जिम्मेदारी जम्मू कश्मीर लिब्रेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के आतंकी बिट्टा कराटे ने ली थी।

जेकेएलएफ का आतंकी बिट्टा कराटे ने खुलेआम कश्मीरी पंडितों की हत्या की बात स्वीकार की थी। बिट्टा कराटे का असली नाम फारुख अहमद डार है। कराटे में ब्लैक बेल्ट होने के कारण उसका नाम बिट्टा कराटे रखा गया। 

शिकारा फिल्म के सह लेखक राहुल पंडिता ने एक अखबार में अपने लेख में बिट्टा कराटे पर लिखा- 'जेकेएलएफ का हत्यारा पिस्तौल लेकर श्रीनगर में घूमता और पंडितों की गंध (बट्ट-ए-मुश्क) खोजता था ताकि उन्हें ढूंढ कर मार सके।'

 

 

जेल में कुचला था सिर
आईएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक बिट्टा कराटे को पिछले 18 साल से देश की कई जेलों में रखा गया है। कश्मीर घाटी की जेल में बंद रहने के दौरान उसने एक कैदी का सिर-कुचल कर उसे मार डालने का भी आरोप लगा था। आगरा जेल में बिट्टा कराटे ने 14 महीने तक भूख हड़ताल की थी। इससे जेल प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए थे।     

बिट्टा कराटे ने इंडिया टुडे से बातचीत में बताया था कि- मैंने पंडित लड़के सतीश कुमार टिक्कू को मारा था। वह मेरा पहला मर्डर था। मुझे ऊपर से ऑर्डर दिया गया था कि उसे हिट करो। बिट्टा ने कहा था कि अगर मुझसे कहा जाता कि अपने मां या भाई को मार डालो तो मैं मार डालता।

 

 

तिहाड़ जेल में है बंद 
बिट्टा कराटे और यासीन मलिक एक वक्त काफी अच्छे दोस्त हुआ करते थे। दोनों ने भारत के पूर्व गृहमंत्री और जम्मू कश्मीर के सीएम मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी और महबूबा मुफ्ती की बहन रुबिया सईद के अपहरण की साजिश रची थी। 

 

 

यासीन मलिक और बिट्टा कराटे के बीच बाद में विवाद हो गया था। इसके बाद जेकएलएफ दो भाग जेएकएलएफ और जेकएलएफ (रियल) में बंट गया था। जेकेएलएफ का नेता यासिन मलिक तो जेकएलएफ रियल का नेता बिट्टा कराटे है। फिलहाल ये दोनों ही दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद हैं।           

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